केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू कश्मीर के अपने दौरे में कांग्रेस, नेशनल कांफ्रेंस, पीडीपी के साथ जदयू पर भी वार किया है। अमित शाह ने कहा कि “वे उन लोगों को रिहा करना चाहते हैं जो पत्थरबाजी और आतंकवाद में शामिल हैं। उनका उद्देश्य उन्हें रिहा करना और हमारे जम्मू, पुंछ, राजौरी में आतंकवाद लाना है, जहां शांति है।”
आपको बता दें कि जदयू भी जम्मू कश्मीर का चुनाव लड़ रही है। सोपोर सहित दो विधानसभा क्षेत्रों में जदयू ने अपने उम्मीदवार के नाम घोषित भी कर दिए हैं। जदयू ने अपने मेनिफेस्टो में 840 पत्थरबाजों को राजनीतिक बंदी बताते हुए उनकी रिहाई का वादा किया है।
अमित शाह ने पत्थरबाजों को रिहा करने के मामले में तमाम दलों को घेरते हुए जनता से पूछा कि “मुझे बताएं कि क्या आप आतंकवाद को जम्मू, पुंछ, राजौरी में आने देंगे? वे चाहते हैं कि क्रॉस-एलओसी व्यापार फिर से शुरू हो। इससे किसे फायदा होगा?”
गृहमंत्री ने विपक्षी दलों पर आरोप लगाया कि “वे शंकराचार्य हिल का नाम बदलकर तख्त-ए-सुलेमान रखना चाहते हैं। ये 3 परिवार- एनसी, कांग्रेस गठबंधन और महबूबा मुफ्ती कहते हैं कि वे जम्मू और कश्मीर को स्वायत्तता देंगे। मैं कहना चाहता हूं कि अब कोई भी ताकत स्वायत्तता की बात नहीं कर सकती।”