लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) से ठीक पहले केंद्र सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इस कानून के तहत पड़ोसी तीन देशों के अल्पसंख्यकों (हिंदू, सिख, जैन, पारसी, बौद्ध, ईसाई) को भारत की नागरिकता मिलेगी। इसके लिए उन्हें केंद्र सरकार (Central government) के ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन करना होगा।
CAA में मुसलमानों को क्यों नहीं शामिल किया गया? जानें नागरिकता के लिए कैसे और कहां करना है आवेदन
पिछले लोकसभा चुनाव के घोषणा पत्र में था सीएए
इधर, सीएए अधिसूचना जारी होने के बाद दिल्ली, उत्तर समेत कई राज्यों में सुरक्षा बढ़ाई गई है। बीजेपी ने साल 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले सीएए को घोषणा-पत्र में शामिल किया था। पार्टी ने इसे बड़ा मुद्दा बनाया था। हाल में गृह मंत्री अमित शाह कई बार CAA को लागू करने की बात कहे थे। उन्होंने ऐलान किया था कि लोकसभा चुनाव से पहले यह लागू किया जाएगा।
नागरिकता पाने के लिए नहीं देना होगा कोई दस्तावेज
इस कानून के तहत मुस्लिम समुदाय को छोड़ तीन मुस्लिम बाहुल पड़ोसी देशों से आने वाले अन्य धर्मों के लोगों को नागरिकता दिए जाने का प्रावधान है। केंद्र सरकार ने सीएए से संबंधित वेब पोर्टल भी तैयार कराया है, जिसे अब लांच किया जाएगा। तीन मुस्लिम बाहुल पड़ोसी देशों से आने वाले अल्पसंख्यकों को इस पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। फिर सरकारी जांच बाद उन्हें भारतीय नागरिकता दी जाएगी। इसके लिए बांग्लादेश, पाकिस्तान, अफगानिस्तान से आए विस्थापित अल्पसंख्यकों को दस्तावेज देने की जरूरत नहीं होगी।
2019 में हुआ था नागरिकता कानून में संशोधन
नरेंद्र मोदी की सरकार ने साल 2019 में नागरिकता कानून में संशोधन किया था। इसमें अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश से 31 दिसंबर 2014 से पहले आने वाले छह अल्पसंख्यकों (हिंदू, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध और पारसी) को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान हुआ था। नियमों के अनुसार केंद्र सरकार के हाथों में नागरिकता देने का अधिकार होगा।
1955 के कानून में संशोधन
पड़ोसी 3 देशों के हिंदू, सिख, जैन, पारसी, बौद्ध और ईसाई समुदायों से आने वाले प्रवासियों को भारतीय नागरिकता देने के लिए 1955 के नागरिकता अधिनियम में संशोधन किया गया था। इसके तहत ऐसे प्रवासी नागरिक, जो अपने देशों में धार्मिक उत्पीड़न से तंग आकर 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में आकर शरण ले चुके हैं। इस कानून के तहत उनको अवैध प्रवासी माना गया है, जो भारत में वैध यात्रा दस्तावेज (पासपोर्ट और वीजा) के बगैर घुसे हैं या फिर वैध दस्तावेज के साथ तो भारत में आए हैं, लेकिन निर्धारित समय से ज्यादा समय तक यहां रुके हों।
पूरी प्रक्रिया होगी ऑनलाइन
सीएए से संबंधित पूरी प्रक्रिया को ऑनलाइन है। आवेदक अपने मोबाइल से भी अप्लाई कर सकता है। इसमें आवेदक वह साल बताएंगे, जब वह बिना दस्तावेजों के भारत में घुसे थे। आवेदकों से कोई दस्तावेज नहीं लिया जाएगा। नागरिकता से जुड़े जितने ऐसे मामले लंबित हैं, वे सब ऑनलाइन कन्वर्ट होंगे।