निर्वाचन आयोग कल (7 जनवरी) को दिल्ली विधानसभा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा कर दी। दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा का कार्यकाल 23 फरवरी को समाप्त हो रहा है। लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ साथ लड़ी INDI गठबंधन अब आपस में लड़ रही है। दिल्ली में आप और कांग्रेस नेता भाजपा के बजाये एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। लेकिन कांग्रेस को INDIA अलायंस के साथी ही पीछे हटने का ‘ज्ञान’ दे रहे हैं।
समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने दिल्ली चुनाव के ऐलान के बाद आम आदमी पार्टी को समर्थन देने की घोषणा कर दी है। इसके साथ ही यह तय हो गया कि समाजवादी पार्टी दिल्ली चुनाव में इंडिया गठबंधन के सहयोगी कांग्रेस पार्टी को समर्थन नहीं देगी। समाजवादी पार्टी अध्यक्ष की इस घोषणा के बाद इंडिया गठबंधन के भविष्य पर सवाल उठने लगे हैं।
यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव पहले ही आप के साथ मंच साझा कर चुके हैं। यही नहीं उन्होंने एक बार फिर से दोहराया है कि वह AAP की चुनावी रैली में मंच साझा करेंगे। यही नहीं उन्होंने साफ कहा कि दिल्ली में भाजपा को आम आदमी पार्टी ही हरा सकती है। कांग्रेस इस स्थिति में नहीं है। इसलिए हम उसकी बजाय आम आदमी पार्टी का ही समर्थन करेंगे।
तेजस्वी का नीतीश पर पोस्टर वार- बेसुध सरकार और उसके मुखिया
वहीं ममता बनर्जी की पार्टी के नेता कुणाल घोष ने भा साफ कह दिया कि वे चाहते हैं कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी की ही सरकार बने। उन्होंने कहा कि भाजपा को हराने के लिए जरूरी है कि आम आदमी पार्टी मजबूत रहे और हम चाहते हैं कि वे लोग फिर से सत्ता में वापसी करें।
इधर, आप और कांग्रेस के बीच छिड़ी जंग को लेकर शिवसेना (UBT) नेता संजय राउत ने कहा, “जब आम आदमी पार्टी और कांग्रेस जो कि INDIA गठबंधन के सदस्य हैं, लड़ रहे हैं तो हम अपनी ऊर्जा क्यों बर्बाद करें? दोनों में अखाड़ा चल रहा है, यह ठीक नहीं है। कांग्रेस पार्टी, आम आदमी पार्टी और हम सब मिलकर लोकसभा में लड़े और अच्छे से लड़े। विधानसभा में जो माहौल बना है उससे लगता है कि ये दोनों मिलकर भाजपा की मदद करने वाले हैं। इस देश में और दिल्ली में हमारी लड़ाई भाजपा से होनी चाहिए, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस से नहीं। आप(AAP और कांग्रेस) चुनाव एक दूसरे के खिलाफ लड़ें लेकिन मर्यादाओं का ख्याल रखें क्योंकि कभी न कभी हमें एक दूसरे के साथ आना है।