दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों का ऐलान हो चुका है। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, दिल्ली चुनाव 2025 एक ही चरण में 5 फरवरी को होंगे और 8 फरवरी को मतगणना के बाद नतीजे घोषित किए जाएंगे। इस ऐलान के साथ ही दिल्ली की सियासत का शंखनाद हो गया है।
दिल्ली चुनाव 2025: तारीखों का ऐलान, CEC ने EVM और पारदर्शिता पर उठाए सवालों का दिया जवाब
तीन बड़ी पार्टियों की रणनीति
इस बार का चुनाव राजनीतिक दृष्टि से बेहद अहम है:
- आम आदमी पार्टी (AAP): सत्तारूढ़ AAP का मकसद है चौथी बार सत्ता में वापसी।
- भारतीय जनता पार्टी (BJP): पिछले दो चुनावों से सत्ता से बाहर बीजेपी अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश में है।
- कांग्रेस: लगातार दो चुनावों में खराब प्रदर्शन के बाद कांग्रेस इस बार मजबूत उपस्थिति दर्ज कराना चाहती है।
सीएम आतिशी के लिए चुनौतीपूर्ण समय
वर्तमान मुख्यमंत्री आतिशी के लिए यह चुनावी माहौल बेहद अहम है। उनके पास केवल लगभग 35 दिन का कार्यकाल बचा है, क्योंकि अगर AAP सत्ता में लौटती है, तो यह तय हो चुका है कि पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल ही मुख्यमंत्री बनेंगे। आतिशी को छह महीने पहले अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के बाद मुख्यमंत्री बनाया गया था। यह फैसला पार्टी की बैठक में सर्वसम्मति से लिया गया था। पहले सुनीता केजरीवाल (अरविंद केजरीवाल की पत्नी) का नाम भी सामने आया था, लेकिन पार्टी ने “परिवारवाद” के आरोपों से बचने के लिए आतिशी पर भरोसा जताया।
अगर आम आदमी पार्टी चुनाव में पिछड़ जाती है और भाजपा या कांग्रेस की सरकार बन जाती है तो भी आतिशी सीएम नहीं होंगी।
दिल्ली की तीसरी महिला सीएम आतिशी
आतिशी दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री बनीं, सुषमा स्वराज और शीला दीक्षित के बाद। उनके लिए अगले 30-35 दिन निर्णायक साबित हो सकते हैं, क्योंकि चुनावी माहौल में उनका हर निर्णय महत्वपूर्ण होगा।
कालकाजी सीट बनी ‘हॉट सीट’
आतिशी कालकाजी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रही हैं, जहां मुकाबला त्रिकोणीय है:
- AAP: आतिशी
- BJP: रमेश बिधूड़ी (पूर्व सांसद)
- Congress: अलका लांबा
कालकाजी सीट पर तीन दिग्गजों के बीच कड़ा मुकाबला होने की उम्मीद है, जिससे यह सीट चुनावी चर्चाओं का केंद्र बन गई है।
चुनावी सियासत तेज
चुनाव की घोषणा के बाद सभी पार्टियां अपनी तैयारियों में जुट गई हैं। दिल्ली में 1.55 करोड़ से अधिक मतदाता इस बार अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। सभी की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि क्या AAP सत्ता में वापसी कर पाएगी, बीजेपी अपना सियासी वनवास खत्म करेगी या कांग्रेस फिर से उभरकर सामने आएगी।