दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को कश्मीरी गेट आईएसबीटी के पास स्थित मरघट वाले बाबा मंदिर में पुजारी ग्रंथी सम्मान योजना की शुरुआत की। इस योजना के तहत, यदि उनकी पार्टी दिल्ली में फिर से सत्ता में आती है, तो सभी हिंदू मंदिरों के पुजारियों और गुरुद्वारों के ग्रंथियों को 18,000 रुपये का मासिक मानदेय दिया जाएगा। इस मौके पर केजरीवाल ने मरघट वाले बाबा मंदिर के पुजारी का पंजीकरण भी किया और कहा, “आज महंत जी का जन्मदिन भी है, और हमने उनके साथ इस दिन को मनाया। बीजेपी ने रजिस्ट्रेशन को रोकने की पूरी कोशिश की, लेकिन भक्त को अपने भगवान से मिलने से कोई नहीं रोक सकता।”
केजरीवाल ने अपनी योजना का हवाला देते हुए कहा, “अगर हम दिल्ली की सत्ता में लौटे, तो हम सभी पुजारियों और ग्रंथियों को सम्मानित करेंगे।” उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी नेताओं ने इस योजना के खिलाफ गंदी गालियां देना शुरू कर दिया है। केजरीवाल ने बीजेपी से सवाल करते हुए कहा, “क्या मुझे गालियां देने से देश का भला होगा? आपकी सरकारें 20 राज्यों में हैं, गुजरात में 30 साल से आपकी सरकार है, तो वहां पुजारियों और ग्रंथियों का सम्मान क्यों नहीं किया गया?” उन्होंने बीजेपी से आग्रह किया कि गालियां देने के बजाय, वे अपनी सरकारों में इस योजना को लागू करें, ताकि सभी को इसका लाभ मिले।
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वहीं बीजेपी नेताओं ने केजरीवाल की योजना पर तीखा हमला किया। बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने केजरीवाल को हिंदू विरोधी और विकास विरोधी करार देते हुए कहा, “केजरीवाल चुनावों से पहले झूठे वादे कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें पता है कि उनके पिछले वादे अधूरे रह गए हैं। जब वह पुजारियों को 18,000 रुपये देने की बात करते हैं, तो मुझे यह सवाल उठता है कि क्या यह वही केजरीवाल हैं, जिन्होंने पहले शराब माफियाओं के साथ मंदिरों और गुरुद्वारों के बाहर शराब की दुकानें खोलने का ठेका दिया था?” भाटिया ने केजरीवाल पर यह आरोप भी लगाया कि उन्होंने धार्मिक स्थलों के बाहर शराब की दुकानें बनाने के लिए अनुमति दी थी, जो हिंदू आस्थाओं का अपमान है।