उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra) के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ ने कांवड़ मार्गों पर खाने पीने की दुकानों पर ‘ नेमप्लेट’ लगाने का आदेश दिया है। इस आदेश में साफ है कि हर हाल में दुकानों पर संचालक मालिक का नाम लिखा होना चाहिए। इसके पीछे का तर्क यह है कि कांवड़ यात्रियों के आस्था की शुचिता बनाए रखने के लिए यह कदम उठाया गया है। लेकिन इस फैसले के बाद देश भर में बवाल उठ गया है।
राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने कहा कि कांवड़ यात्रा पर जो राजनीति हो रही है, वह हमें विकसित भारत की ओर नहीं ले जाएगी। प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और मुख्यमंत्रियों को ऐसे मुद्दे जिसका मकसद केवल राजनीति है, उन्हें नहीं उठाना चाहिए। आम आदमी का इन मुद्दों से कोई लेना-देना नहीं है। मैं खासतौर पर यूपी और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री से कहना चाहूंगा कि इसे रोकें। कांवड़ यात्रा पहले भी होती रही है, जो लोग यात्रा पर जाते हैं, सब जानते हैं कि कहां खाना है और कहां नहीं खाना है।
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वहीं PDP प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा कि हमारा संविधान समान अधिकार देता है और किसी के साथ भेदभाव नहीं करना। वे(भाजपा) संविधान का उल्लंघन कर रहे हैं। राहुल गांधी ने सही कहा कि अगर वे 400(लोकसभा चुनाव में सीटें) पार कर गए तो वे संविधान को नष्ट कर देंगे। मुझे लगता है कि इस चुनाव में उन्हें वोट देने वाले लोगों को यह संकेत मिल गया होगा कि वे किसी भी कीमत पर संविधान को नष्ट करना चाहते हैं। वे मुसलमानों, दलितों के अधिकारों को खत्म करना चाहते हैं।
उत्तर प्रदेश में कांवड़ मार्गों पर खाद्य पदार्थों की दुकानों पर ‘नेमप्लेट’ लगाने के निर्देश पर कांग्रेस सांसद किशोरी लाल शर्मा ने कहा कि मैं इस बात को सही नहीं मानता हूं क्योंकि इससे विदेश में देश की छवि धूमिल होती है। मेरा मानना है कि यह नहीं करना चाहिए।