रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने 2000 रुपए के नोट को चलन से हटाने की प्रक्रिया शुरू की है। इसके लिए 23 मई से नोटों के बदलने की शुरुआत होगी। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के निर्देशानुसार 23 मई से 2000 रुपए के नोट किसी भी बैंक में बदले जा सकेंगे। लेकिन इस प्रक्रिया पर भाजपा के नेता ने आपत्ति दर्ज की है। भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय की आपत्ति बिना डॉक्यूमेंट के नोट बदलने को लेकर है। भाजपा नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय ने दिल्ली हाईकोर्ट में PIL दायर की है। उन्होंने बिना किसी पहचान प्रमाण पत्र के 2000 के नोट बदलने की अनुमति न देने की मांग की है।
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30 सितंबर तक जारी रहेगी नोट बदलने की प्रक्रिया
आरबीआई के निर्देशानुसार 30 सितंबर तक नोटों के बदलने की प्रक्रिया जारी रहेगी। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास का कहना है कि भीड़ लगाने की जरुरत नहीं है। पर्याप्त समय दिया गया है। लोग आराम से चार माह में अपने नोट बदल सकेंगे। इस प्रक्रिया में स्टेट बैंक ने रविवार को 2000 का नोट बदलने के लिए गाइडलाइन जारी की। बैंक का कहना है कि नोट बदलने के लिए किसी ID की जरूरत नहीं है। कोई फॉर्म भी नहीं भरना होगा। लेकिन एक बार में 10 नोट ही बदले जा सकेंगे।
खाते में जमा करने की प्रक्रिया पहले जैसी
वहीं दूसरी ओर रिजर्व बैंक ने साफ कर दिया है कि 2000 रुपए के नोट अगर बैंक खाते में जमा किए जाते हैं, तो इसके लिए कोई अलग से प्रक्रिया नहीं होगी। यह पहले की तरह ही जमा किए जा सकेंगे। 50 हजार रुपए से अधिक रुपए जमा करने पर ग्राहक को पैन नंबर देना होगा।