देश के कई पहलवान पिछले कई दिनों से जंतर-मंतर पर धारना दे रहे थे। लेकिन रविवार को नए संसद के उद्घाटन के दौरान उनसभी ने जंतर-मंतर से नई संसद भवन तक शांति पूर्वक मार्च निकलना चाहा। लेकिन दिल्ली पुलिस ने उन्हें ऐसा करने से रोका। इस दौरान जो देश के लिए मेडल लाने वाले पहलवानों से पुलिस की धक्का-मुक्की की तस्वीर भी सामने आई। पुलिस ने उन्हें संसद भवन जाने से रोक लिया। साथ ही पहलवानों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कर लिया। इसके बाद से पहलवान और ज्यादा आक्रोशित दिख रहे हैं। अब उन्हें नए दंगल के लिए कमर कस ली है। बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक जैसे पहलवानों ने अपने मेडल गंगा में प्रवाहित करने ऐलान किया है। साथ ही इंडिया गेट पर अमरण अनशन करने की बात भी कही है।
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“गंगा में प्रवाहित करेंगे मेडल”
बता दें कि पहलवान WFI के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा सांसद ब्रिजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग पर अड़े हुए हैं। पहलवानों ने उनपर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। इसी को लेकर वो लंबे समय से जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे थे। लेकिन पुलिस ने अब उन्हें वहां से हटा दिया है। लेकिन अब पहलवान नए तैयारी के साथ एक बार भी प्रदर्शन शुरू करने जा रहे हैं। सोशल मीडिया के माध्यम से पहलवानों ने अपना बयान जारी किया है। जिसमें उन्होंने ऐलान किया है कि आज शाम को 6 बजे हरिद्वार में वे अपने मेडल को गंगा में प्रवाहित कर देंगे।
उन्होंने कहना है कि ” मेडल हमारी जान हैं, हमारी आत्मा हैं। इनके गंगा में बह जाने के बाद हमारे जीने का भी कोई मतलब रह नहीं जाएगा। इसलिए हम इंडिया गेट पर आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे। इंडिया गेट हमारे उन शहीदों की जगह है जिन्होंने देश के लिए अपनी देह त्याग दी। हम उनके जितने पवित्र तो नहीं हैं लेकिन अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेलते वक्त हमारी भावना भी उन सैनिकों जैसी ही थी। अपवित्र तंत्र अपना काम कर रहा है और हम अपना काम कर रहे हैं, अब लोगों को सोचना होगा कि वह अपनी इन बेटियों के साथ खड़े हैं या इन बेटियों का उत्पीड़न करने वाले उस तेज सफेदी वाले तंत्र के साथ।आज शाम 6 बजे हम हरिद्वार में अपने मेडल गंगा में प्रवाहित कर देंगे। इस महान देश के हम सदा आभारी रहेंगे।
पुलिस से हुई झड़प पर भी बोले पहलवान
इसके साथ ही उन्होंने 28 मई को दिल्ली पुलिस से हुए झड़प के बारे में भी बताया। उनका कहना है कि “28 मई को जो हुआ वह आप सबने देखा, पुलिस ने हम लोगों के साथ क्या व्यवहार किया? हमें कितनी बर्बरता से गिरफ्तार किया। हम शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे थे। हमारे आंदोलन की जगह को भी पुलिस ने तहस नहस कर हमसे छीन लिया और अगले दिन गंभीर मामलों में हमारे ऊपर ही FIR दर्ज कर दी गई। क्या महिला पहलवानों ने अपने साथ हुए यौन उत्पीड़न के लिए न्याय मांगकर कोई अपराध कर दिया है? पुलिस और तंत्र हमारे साथ अपराधियों जैसा व्यवहार कर रही है. जबकि आरोपी खुली सभाओं में हमारे ऊपर फबतियां कस रहा है. टीवी पर महिला पहलवानों को असहज कर देनी वाली अपनी घटनाओं को कबूल करके उनको ठहाकों में तब्दील कर रहा है।