कर्नाटक के मशहूर मूर्तिकार अरुण योगीराज की कृष्णशिला पर बनाई गई रामलला की मूर्ति (150 से 200 किलोग्राम) का अयोध्या के राम मंदिर के गर्भ गृह लिए चयन हुआ है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने सोमवार ,15 जनवरी को इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि उन्हें अयोध्या में मूर्ति बनाने के दौरान पंद्रह दिनों तक मोबाइल ‘तक’ से दूर रखा गया था। अरुण योगीराज ने इससे पूर्व केदारनाथ में शंकराचार्य की मूर्ति और इंडिया गेट पर सुभाषचन्द्र बोस की प्रतिमा बनाई है।उन्होंने कहा कि मंदिर में जो मूर्ति स्थापित होगी वो भगवान राम की 5 साल की अवस्था की है।
पुरानी मूर्ति के बारे में पूछे जाने पर चम्पत राय ने बताया कि पुरानी मूर्ति मंदिर परिसर में ही रहेगी। वहीँ कुछ लोगों की राय ये थी की क्यूँ न पुरानी मूर्ति को ही गर्भ गृह में रहने दिया जाए! चंपत राय ने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा के लिए बुधवार ,16 जनवरी से पूजन विधि शुरू होकर 21जनवरी तक चलेगी. इसके पश्चात 22 जनवरी के दिन मूर्ति को गर्भ गृह में प्राण प्रतिष्ठा के साथ स्थापित कर दिया जाएगा। लगभग 1 घंटे की यह विधि 12 बजे से शुरू होकर दोपहर के तकरीबन 1 बजे तक पूरी हो जाएगी। प्राण रतिष्ठ के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, आरएसएस प्रमुख डॉ. मोहन भागवत और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित गई गणमान्य उपस्थित रहेंगे। प्राण प्रतिष्ठा की विधि संपन्न हो जाने के बाद कुछ प्रमुख नेताओं द्वारा अपने अपने विचार रखे जायेंगे।
बता दें कि राम मंदिर के लिए तीन मूर्तिकारों ने रामलला की मूर्ति बनाई थी जिनमे से अरुण योगीराज की बनाई मूर्ति का गर्भ गृह में विराजमान करने हेतु चयन किया गया है।