राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) 2024 के प्रश्न पत्र लीक मामले में पटना की एक अदालत ने जेल में बंद दो अभियुक्तों की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान पुलिस से ब्योरेवार सबूतों (केस डायरी) की मांग की है।
अदालत ने क्या कहा:
पटना व्यवहार न्यायालय के अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी नवम की अदालत ने मामले के दो अभियुक्तों आशुतोष कुमार और रौशन कुमार की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए अपना फैसला सुनाने से पहले पुलिस को इस मामले में इन अभियुक्तों के खिलाफ इकट्ठा किए गए सबूत (केस डायरी) और दोनों अभियुक्तों के पूर्व आपराधिक इतिहास को न्यायालय के समक्ष पेश करने का आदेश दिया।
दरअसल, NEET 2024 की परीक्षा 5 मई 2024 को पूरे देश में एक साथ आयोजित की गई थी। पटना के विभिन्न विद्यालयों में भी परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। पटना के शास्त्रीनगर थानाध्यक्ष अमर कुमार ने उक्त परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक होने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज करवाई। दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है कि परीक्षा के दौरान यह गुप्त सूचना मिली कि कुछ लोग उक्त परीक्षा में कदाचार के लिए परीक्षा केंद्रों के आसपास घूम रहे हैं। उस सूचना पर एक वाहन को रोककर उसकी जांच की और तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया।
साथ ही उन लोगों के पास से आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए। इसके बाद गिरफ्तार लोगों की निशानदेही पर राजवंशी नगर बिहार राज्य विद्युत बोर्ड कॉलोनी स्थित डीएवी स्कूल के परीक्षा केंद्र से परीक्षार्थी आयुष राज को भी गिरफ्तार किया गया। आरोप के अनुसार गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों ने खुलासा किया कि उक्त परीक्षा के प्रश्न पत्र 4-5 मई 2024 की रात में कई छात्रों को दिए गए और उन्हें उनके उत्तर रटाये गए। इस मामले में शास्त्री नगर थाने की पुलिस ने अभी तक कुल 13 लोगों को गिरफ्तार किया है।
अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई 31 मई 2024 को तय की है। यह मामला नीट परीक्षा की विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा करता है। इस मामले की जांच जल्द से जल्द होनी चाहिए और दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए।