नई दिल्ली, 6 अप्रैल 2025: दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) जल्द ही देश का पहला ऐसा मेट्रो कॉरिडोर शुरू करने जा रहा है, जो विशेष रूप से 3 कोच वाली ट्रेनों के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह नया कॉरिडोर दिल्ली मेट्रो के चौथे चरण (Phase 4) का हिस्सा है और यह लाजपत नगर से साकेत जी ब्लॉक तक 8 किलोमीटर की दूरी को कवर करेगा। इस परियोजना के 2029 तक शुरू होने की उम्मीद है।
कम दूरी की यात्रा के लिए खास डिज़ाइन
दिल्ली मेट्रो की यह 3 कोच वाली ट्रेन शहरी परिवहन में एक नया मील का पत्थर साबित होगी। DMRC के एक आधिकारिक बयान के अनुसार, इस ट्रेन को खास तौर पर कम दूरी की यात्रा करने वाले यात्रियों की जरूरतों को ध्यान में रखकर विकसित किया गया है। यह कॉरिडोर दिल्ली मेट्रो नेटवर्क में दूसरी सबसे छोटी लाइन होगी, जो दक्षिण से मध्य दिल्ली तक जाने वाले यात्रियों के लिए अंतिम मील (last-mile) कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगी।
भीड़ कम करने और समय की बचत
यह नया कॉरिडोर न केवल यात्रा के समय को कम करेगा, बल्कि अन्य मेट्रो लाइनों पर भीड़ को भी नियंत्रित करने में मदद करेगा। इससे दिल्ली के हजारों दैनिक यात्रियों को सुचारू और तेज़ यात्रा का अनुभव मिलेगा। साथ ही, यह शहरी परिवहन को और अधिक टिकाऊ बनाने में योगदान देगा।
पर्यावरण के अनुकूल और किफायती
3 कोच वाली ट्रेन का मॉडल कम दूरी की शहरी यात्रा के लिए आदर्श है। इसकी प्रति कोच क्षमता लगभग 300 यात्रियों की होगी, यानी एक ट्रेन में कुल 900 यात्री सफर कर सकेंगे। छोटी ट्रेन होने के कारण प्रति यात्रा ऊर्जा खपत कम होगी, जिससे यह पर्यावरण के अनुकूल और आर्थिक रूप से किफायती विकल्प बनता है।
कॉरिडोर के 8 स्टेशन
लाजपत नगर-साकेत जी ब्लॉक कॉरिडोर में कुल 8 स्टेशन होंगे, जो इस प्रकार हैं:
- लाजपत नगर – पिंक और वायलेट लाइनों के साथ इंटरचेंज।
- एंड्रयूज गंज – आसपास के इलाकों को कनेक्टिविटी।
- ग्रेटर कैलाश-1 – ग्रेटर कैलाश और आसपास के क्षेत्रों के लिए।
- चिराग दिल्ली – मैजेंटा लाइन के साथ इंटरचेंज।
- पुष्पा भवन – सरकारी कार्यालयों और आवासीय इलाकों को जोड़ेगा।
- साकेत कोर्ट – स्थानीय यात्रियों के लिए सुविधा।
- पुष्पा विहार – सेक्टर 1, 3, 4 और 7 के लोगों को लाभ।
- साकेत जी ब्लॉक – गोल्डन लाइन के साथ एयरपोर्ट तक इंटरचेंज।
दिल्ली मेट्रो के विस्तार की दिशा में एक और कदम
यह परियोजना दिल्ली मेट्रो के चौथे चरण का हिस्सा है, जिसके तहत 103.93 किलोमीटर की 6 नई लाइनों का निर्माण किया जा रहा है। इस चरण के तहत 3 प्राथमिकता वाले कॉरिडोर में 45 स्टेशन होंगे, जिन्हें मार्च 2019 में मंजूरी दी गई थी। इस कॉरिडोर के शुरू होने से न केवल यात्रियों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी, बल्कि दिल्ली में बढ़ते ट्रैफिक और प्रदूषण की समस्या से निपटने में भी मदद मिलेगी।
विशेषज्ञों की राय
परिवहन विशेषज्ञों का कहना है कि 3 कोच वाली मेट्रो ट्रेन का यह मॉडल छोटे रूट्स पर भीड़ को कम करने और ऊर्जा दक्षता बढ़ाने में कारगर साबित होगा। यह मॉडल भविष्य में अन्य शहरों के लिए भी एक उदाहरण बन सकता है।दिल्ली मेट्रो की यह नई पहल निश्चित रूप से शहरी परिवहन को और स्मार्ट, टिकाऊ और यात्रियों के अनुकूल बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।