राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने बिहार के पटना के पटेल नगर क्षेत्र में राज्य सरकार द्वारा संचालित आश्रय गृह में फूड पॉइजनिंग के कारण 13 संवासिनियों के बीमार पड़ने और 3 की मृत्यु होने संबंधी मीडिया रिपोर्ट पर स्वतः संज्ञान लिया है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने बिहार सरकार के मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। पीड़ितों के स्वास्थ्य की स्थिति और उन्हें या उनके परिवारों को दिए गए मुआवजे की भी जानकारी मांगी है।

बता दें कि 7-11 नवंबर, 2024 के बीच हुई इस घटना ने मानसिक स्वास्थ्य और बेघर महिलाओं की सुविधा में 13 महिला कैदियों को प्रभावित किया। दुखद रूप से, तीन महिलाओं की जान चली गई, जबकि अन्य में रात का खाना खाने के बाद उल्टी और दस्त जैसे लक्षण विकसित हुए। प्रभावित लोगों को जल्द ही इलाज के लिए पटना मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (पीएमसीएच) में स्थानांतरित कर दिया गया।
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घटना के मद्देनजर बिहार सरकार के विकलांग व्यक्तियों के सशक्तिकरण निदेशालय द्वारा वित्त पोषित आवास अब कथित तौर पर जांच के दायरे में है। आयोग ने इस बात पर जोर दिया कि, कानूनी संरक्षक के रूप में, शरण अधिकारी अपनी देखभाल के तहत कैदियों के कल्याण के लिए जिम्मेदार हैं। परिषद ने इस घटना को एक गंभीर मामला बताया जिस पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है।