साल 1975 में 25 और 26 जून की दरम्यानी रात से 21 मार्च 1977 तक (21 महीने) तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल की घोषणा की थी। आज इस आपातकाल को 49 साल पूरे हो गए। भाजपा आज इस दिन को संविधान हत्या दिवस के रूप में मना रही है तो बिहार के मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री ने भी अपनी यादें साझा की. नीतीश ने लिखा है कि 1975 में लागू हुआ था आपातकाल – 21 महीनों तक रहा लागू,नीतीश कुमार ने जेपी आंदोलन में हिस्सा लिया था।

उन्होंने लिखा कि 25 जून, 1975 का वो दिन हम सभी को याद है, जब देश में आपातकाल लागू हुआ था। इसे स्वतंत्र भारत के इतिहास का काला दिन कहा जाता है। साल 1975 का आपातकाल तत्कालीन सरकार की तानाशाही का प्रतीक था। आपातकाल में जनता की अभिव्यक्ति की आजादी पर पाबंदी लगा दी गई थी।
आपातकाल के खिलाफ लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी ने आंदोलन शुरू किया। मैंने भी अपने कई साथियों के साथ इस आंदोलन में भाग लिया तथा आपातकाल का सक्रिय विरोध किया। हम सभी साथियों को तानाशाही के खिलाफ आवाज उठाने के लिए जेल में बंद कर दिया गया। लेकिन, देशवासियों ने एकता और साहस का परिचय दिया। एकजुट होकर हमने लड़ाई लड़ी।
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आप सभी को पता है कि लोकतंत्र के मूल में जनता की आवाज होती है। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम हर परिस्थिति में उसकी रक्षा करें। बिहार ने हमेशा संविधान, न्याय, स्वतंत्रता और सामाजिक न्याय की भावना को अपने विकास का मार्ग बनाया है। हमारा यह संकल्प रहे कि हम संविधान के आदर्शों की रक्षा के लिए सदैव सजग एवं तत्पर रहेंगे।
वहीं बिहार की राजधानी पटना स्थित अधिवेशन भवन में आयोजित कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा मौजूद रहे। उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने आपातकाल को लोकतंत्र पर हमला बताते हुए कहा कि 25 जून 1975 एक ऐसी तारीख है जिसने लोकतंत्र की आत्मा को झकझोर दिया था। उन्होंने कहा, “परिवारवाद और तानाशाही मानसिकता ने लोकतंत्र खत्म करने का संकल्प लिया था।” उन्होंने जेपी आंदोलन को लोकतंत्र की पुनर्स्थापना का आधार बताया।

वहीं सम्राट चौधरी ने कहा आपातकाल को संविधान की हत्या करार देते हुए कहा, “बाबा साहेब अंबेडकर द्वारा रचित संविधान की आत्मा को 25 साल बाद ही कुचल दिया गया।” उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि भारत को फिर से “सोने का शेर” बनाया जाए और लोकतंत्र की रक्षा की जाए।कार्यक्रम में संविधान की रक्षा और लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूत करने का संकल्प लिया गया।