Bihar News: बिहार में चुनावी साल है, सरकार योजनाओं की बरसात कर रही है, लेकिन बेरोजगार युवाओं का ग़ुस्सा लगातार बढ़ता जा रहा है। गुरुवार को पटना स्थित जेडीयू कार्यालय में प्रखंड परियोजना सहायक के सैकड़ों पूर्व कर्मियों ने जमकर हंगामा किया। इनकी मांग है कि 2022 में बिना कारण निष्कासित किए गए 425 सहायक कर्मियों को पुनः बहाल के लिए मंत्री के पास आए थे गुहार लगाने।

2019 में समाज कल्याण विभाग द्वारा ₹15,000 मानदेय पर बहाल इन कर्मियों का कहना है कि उन्हें बिना किसी नोटिस हटाया गया, जबकि केंद्र से ऐसा कोई आदेश नहीं था। पूर्व में मंत्री मदन साहनी ने आश्वासन दिया था, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। हालांकि मंत्री मदन सहनी मौजूद नहीं थे तो प्रदर्शनकारियों ने उत्पाद मंत्री रत्नेश सदा को ज्ञापन सौंपा। रत्नेश सदा ने कहा कि वे मुख्यमंत्री को जानकारी देंगे। लेकिन प्रदर्शनकारी मंत्री के बदले हुए व्यवहार से भी नाराज़ दिखे।
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उनका आरोप है कि मंत्री अब ‘तू-तड़ाक’ की भाषा में संवाद करते हैं, प्रदर्शन कर रहे लोगों के सवालों को लेकर पत्रकारों ने मंत्री से सवाल किया तो मंत्री महोदय पत्रकारों से बदसलूकी करते हुए नजर आए, और सत्ता का अहंकार उनके व्यवहार में झलकता है। बार-बार पत्रकारों ने उनसे सवाल किया तो उन्होंने पत्रकारों से भड़ास निकालते हुए तू तड़ाक पर उतारते हुए नजर आने लगे। ऐसे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चुनाव से पहले लगातार कई सौगात दे रहे हैं लेकिन उनके ही पार्टी के मंत्री विधायक आम जनता तो दूर पत्रकारों से भी बदसूलकी करते हुए नजर आ रहे हैं।