दिल्ली की राजनीति में एक नया अध्याय जुड़ गया है। रेखा गुप्ता ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के साथ ही अपने मंत्रिमंडल का भी गठन किया, जिसमें बिहार के बक्सर जिले के पंकज सिंह को भी जगह मिली है।
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मंत्री बनने से पहले मां को खोने का दर्द, अंतिम संस्कार के अगले दिन ली शपथ
जहां एक ओर पंकज सिंह के लिए यह सियासी करियर का स्वर्णिम क्षण था, वहीं दूसरी ओर यह पल भावनात्मक रूप से भी काफी भारी था। 18 फरवरी को उनकी मां सीता सिंह का निधन हो गया, और 19 फरवरी को दिल्ली में उनका अंतिम संस्कार हुआ। इस दुखद घड़ी के बावजूद 20 फरवरी को पंकज सिंह ने मंत्री पद की शपथ लेकर अपनी मां के सपने को साकार किया।
बक्सर के बेटे पंकज सिंह की दिल्ली की राजनीति में धाक
पंकज सिंह का जन्म 6 नवंबर 1977 को दिल्ली के विकासपुरी में हुआ था, लेकिन उनकी जड़ें बिहार के बक्सर जिले के ब्रह्मपुर प्रखंड के धरौली गांव से जुड़ी हैं। उनके पिता स्वर्गीय राजमोहन सिंह एमसीडी के पूर्व कमिश्नर रह चुके थे, जिससे उनका राजनीतिक माहौल से बचपन से ही गहरा नाता रहा।
विकासपुरी विधानसभा से विधायक चुने गए पंकज सिंह ने आम आदमी पार्टी के महिंद्र यादव को 13,364 वोटों से हराया। उनकी इस जीत को दिल्ली में भाजपा के लिए एक मजबूत संकेत माना जा रहा है, खासतौर पर आम आदमी पार्टी के लंबे शासन के बाद।
पेशे से डेंटिस्ट, लेकिन दिल में राजनीति का जुनून
दिल्ली की राजनीति में आने से पहले पंकज सिंह एक सफल डेंटिस्ट थे। उन्होंने बिहार से BDS (बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी) की डिग्री हासिल की और उनकी पत्नी रश्मि सिंह भी डेंटिस्ट हैं।
हालांकि, राजनीति में रुचि उन्हें विरासत में मिली थी। उन्होंने एमसीडी के पार्षद के रूप में अपना राजनीतिक करियर शुरू किया और धीरे-धीरे दिल्ली की मुख्यधारा की राजनीति में अपनी मजबूत पकड़ बना ली।
बक्सर से नाता नहीं भूले, हर साल कराते हैं फुटबॉल टूर्नामेंट
दिल्ली में पले-बढ़े होने के बावजूद पंकज सिंह अपने पैतृक गांव से कभी दूर नहीं हुए। हर साल वह अपने पिता के नाम पर “बाबू राजा मोहन मेमोरियल फुटबॉल टूर्नामेंट” का आयोजन करते हैं, जिसमें राष्ट्रीय स्तर की टीमें हिस्सा लेती हैं।