बिहार की पूर्णिया सीट से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव (Pappu Yadav) ने अपने पटना दौरे के दौरान बिहार की सियासत में नया भूचाल ला दिया। उन्होंने नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव, चुनाव आयोग और भारतीय जनता पार्टी पर करारे हमले किए और एक के बाद एक कई विवादित बयान देकर राज्य की राजनीतिक बहस को एक बार फिर तेज कर दिया है।

पप्पू यादव ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि अब यह संस्था निष्पक्ष नहीं रह गई है। उन्होंने आयोग की तुलना पारिवारिक रिश्तों से करते हुए कहा कि यह दामाद आयोग, दूल्हा आयोग, साला आयोग, बीवी आयोग, बेटा आयोग बन गया है। उन्होंने कहा कि बिहार में अब सब कुछ मुख्यमंत्री नहीं, बल्कि राज्यपाल चला रहे हैं। उन्होंने सवाल किया कि जब प्रशासनिक फैसले भी राजभवन से हो रहे हैं तो लोकतंत्र का क्या मतलब रह गया है?
तेजस्वी यादव पर सीधा वार
तेजस्वी यादव को निशाने पर लेते हुए पप्पू यादव ने पूछा कि वे प्रत्यय अमृत और आनंद किशोर जैसे चर्चित अफसरों पर क्यों नहीं बोलते? उन्होंने रिशु सिंह और उसके भाई की करोड़ों की संपत्ति का मुद्दा उठाया और कहा कि तेजस्वी सिर्फ राजनीतिक गाली-गलौज करते हैं, असली मुद्दों पर कभी नहीं बोलते।
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नीतीश कुमार की नीतियों पर प्रहार
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए पप्पू यादव ने कहा कि नीतीश कुमार ने बिहार की अर्थव्यवस्था बर्बाद कर दी है। यह प्रदेश अब अफसरों के भरोसे चल रहा है, मुख्यमंत्री केवल दस्तखत करने वाले हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राज्य सरकार संवेदनशील मुद्दों से भाग रही है और जनता को केवल भ्रम में रखा जा रहा है।
आरक्षण, दलित और इंटरव्यू सिस्टम पर सवाल
पप्पू यादव ने सरकारी नौकरियों में इंटरव्यू प्रक्रिया को खत्म करने की मांग करते हुए कहा कि इससे दलित, ओबीसी, एससी-एसटी वर्ग को बाहर कर दिया जाता है। उन्होंने राम जी राव सुमन के मंदिर प्रवेश का उदाहरण देते हुए कहा कि जब एक दलित मंदिर गया, तो मंदिर को धोया गया। यह समाज में मौजूद जातीय विद्वेष की निशानी है। पप्पू यादव ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि जब बाबा साहेब ने मनुस्मृति के खिलाफ आवाज उठाई, मंडल आयोग आया, तब बीजेपी की सरकारें गिराई गईं। आज वे अंबेडकर को लेकर दिखावा कर रहे हैं। उन्होंने भाजपा पर अंबेडकर के विचारों के साथ धोखा करने का आरोप लगाया।