राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (रालोजपा) के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने सोमवार को एक बड़ा राजनीतिक बयान देते हुए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) से नाता तोड़ने की सार्वजनिक घोषणा कर दी। पटना के बापू सभागार में आयोजित डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती समारोह और पार्टी के संकल्प महासम्मेलन के मंच से उन्होंने स्पष्ट कहा कि रालोजपा अब एनडीए का हिस्सा नहीं है। पारस ने कहा, “मैं खुले मंच से यह घोषणा करता हूं कि आज से हमारा NDA से कोई संबंध नहीं है। हम अब एक नया बिहार बनाएंगे और राज्य की सभी 243 विधानसभा सीटों पर पार्टी को मजबूत करेंगे। जब चुनाव नजदीक आएगा, तब निर्णय लेंगे कि किस गठबंधन के साथ जाना है – जहां सम्मान और सहयोग मिलेगा, वहीं जाएंगे।”

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RLJP अध्यक्ष पशुपति पारस ने कहा, “2014 से लेकर आज तक मैं NDA गठबंधन में था, हमारी पार्टी NDA गठबंधन की एक वफादार, ईमानदार सहयोगी थी लेकिन जब लोकसभा चुनाव हुए तो बिना किसी कारण के, क्योंकि हमारी पार्टी दलितों की पार्टी है, NDA गठबंधन के लोगों ने हमारी पार्टी के साथ अन्याय किया। फिर भी हमने लोकसभा चुनाव में NDA का साथ दिया। 6-8 महीने बाद जब भी बिहार में NDA की बैठक हुई तो भाजपा या JDU के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि बिहार में हम 5 पांडव हैं, इसमें हमारी पार्टी का नाम कहीं नहीं लिया गया और राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के साथ उन्हीं लोगों ने अन्याय किया। अब हम बिहार में 243 सीटों के लिए तैयार हैं। अगर महागठबंधन के लोग हमें सही समय पर उचित सम्मान देते हैं तो हम भविष्य की राजनीति पर विचार करेंगे। उस परिवार (लालू परिवार) और उस पार्टी (RJD) से मेरे संबंध शुरुआत से अच्छे रहे हैं। सही समय का इंतजार करें, जब सही समय आएगा, हम सर्वसम्मति से निर्णय लेंगे।”

जनता बदलाव के मूड में: पारस
पारस ने दावा किया कि वे अब तक 22 जिलों का दौरा कर चुके हैं और ज्यादातर जगहों पर जनता सरकार से नाराज़ और बदलाव के मूड में दिख रही है। उन्होंने कहा कि पार्टी अब जनआंदोलन की तैयारी में है और दलितों, पिछड़ों और समाज के वंचित वर्गों के अधिकारों के लिए संघर्ष जारी रहेगा। यह आयोजन राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी और दलित सेना के संयुक्त तत्वावधान में हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने भाग लिया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व सांसद सूरजभान सिंह थे, जबकि इसकी अध्यक्षता रालोजपा के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व सांसद प्रिंस राज पासवान ने की।