Patna Protest: बिहार की सियासत इन दिनों जमीन सर्वे के बर्खास्त संविदा कर्मियों के आंदोलन से गर्माई हुई है। 10 सितंबर को बीजेपी दफ्तर का घेराव करने पहुंचे इन कर्मियों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया था, जिसमें कई लोग घायल हो गए थे। लाठीचार्ज की इस घटना ने न केवल आंदोलनकारियों के गुस्से को भड़काया बल्कि सरकार के खिलाफ माहौल भी और तेज कर दिया। बुधवार को इन्हीं बर्खास्त कर्मियों ने पटना की सड़कों पर फिर आक्रोश मार्च निकाला।
गर्दनीबाग धरनास्थल से निकला यह जुलूस पटना जंक्शन होते हुए बुद्धा स्मृति पार्क तक पहुंचा। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने एनडीए सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए पुलिस पर बर्बरता का आरोप लगाया। आंदोलनकारियों ने कहा कि जब वे शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे तो उन पर लाठियां बरसाना किसी भी लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए शर्मनाक है। उन्होंने दोषी पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई और अपनी बहाली की मांग सरकार के समक्ष रखी।
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बर्खास्त विशेष सर्वेक्षण संविदा कर्मियों की संख्या करीब नौ हजार बताई जा रही है। ये सभी कई दिनों से पटना के गर्दनीबाग में धरने पर बैठे हैं। आंदोलनकारियों का कहना है कि सरकार ने उन्हें बिना कारण एकमुश्त सेवा से हटा दिया, जबकि वर्षों तक उन्होंने राज्य के जमीन सर्वेक्षण अभियान में काम किया है। बहाली, समान वेतन और अन्य मांगों को लेकर वे लगातार आवाज बुलंद कर रहे हैं।
आंदोलन की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कई संविदा कर्मी अनशन पर बैठ गए हैं। कुछ की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें पीएमसीएच में भर्ती कराना पड़ा। इसके बावजूद आंदोलनकारी पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। उनका कहना है कि जब तक सरकार ठोस निर्णय नहीं लेती, तब तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा।
इस बीच, विशेष सर्वेक्षण संविदा कर्मी संघ का एक प्रतिनिधिमंडल राजद नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से भी मिला। तेजस्वी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि ये सभी कर्मी शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे थे, लेकिन सरकार ने इन्हें बेरहमी से बर्खास्त कर दिया और पुलिस ने उनके आंदोलन को लाठीचार्ज से कुचलने का प्रयास किया। तेजस्वी ने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी संविदा कर्मियों की मांगों के साथ खड़ी है।
बता दें कि 10 सितंबर को जब इन कर्मियों ने बीजेपी दफ्तर का घेराव किया था, तब राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री संजय सरावगी से मिलने की मांग को लेकर वे गेट पर डटे रहे। पुलिस और आंदोलनकारियों के बीच धक्का-मुक्की हुई और हालात बेकाबू हो गए। उसी दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया, जिसमें एक संविदा कर्मी गंभीर रूप से घायल हो गया और कई अन्य को चोटें आईं।






















