प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ मेले के दौरान मौनी अमावस्या स्नान के अवसर पर हुई भगदड़ में बिहार के मृतकों की संख्या बढ़कर नौ हो गई है। उत्तर प्रदेश सरकार ने बुधवार को इस हादसे में कुल 30 लोगों की मौत की पुष्टि की थी, जबकि 90 से अधिक लोग घायल हुए थे।
बिहार के मृतकों की पहचान हुई
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भगदड़ में बिहार के गोपालगंज जिले से सबसे अधिक 4 लोगों की मौत हुई है। जबकि औरंगाबाद से 2, पटना, चंपारण और मुजफ्फरपुर से 1-1 लोगों की जान गई है।
गोपालगंज के मृतकों में:
- शिवकलो देवी (बरौली थाना, मदनपुर गांव) – जो अपनी बेटी संगीता देवी के साथ महाकुंभ गई थीं।
- सरस्वती देवी (भोरे थाना, रामनगर गांव) – उनके बेटे राजू मांझी ने मौत की पुष्टि की।
- कुंती देवी (उचकागांव थाना, बालेसरा गांव)
- तारा देवी (उचकागांव थाना, श्यामपुर बाजार)
औरंगाबाद से:
- राजरानी देवी (गोह थाना, सोनुना गांव)
- सोनम कुमारी (हसपुरा थाना, मानपुरा गांव)
पटना से:
- सिया देवी (मनेर थाना, गोरेयास्थान)
चंपारण से:
- दिनेश कुमार – जो अपनी बहन सुशील के साथ प्रयागराज गए थे।
मुजफ्फरपुर से:
- शीला देवी – जो अपनी पड़ोसी धर्मशीला के साथ महाकुंभ गई थीं।
अब भी सार्वजनिक नहीं हुई मृतकों की सूची
हालांकि उत्तर प्रदेश सरकार ने हादसे में मारे गए लोगों की कुल संख्या घोषित कर दी है, लेकिन अभी तक आधिकारिक रूप से मृतकों की सूची सार्वजनिक नहीं की गई है। इससे मृतकों के परिजनों में चिंता बनी हुई है। बिहार के अलग-अलग जिलों से परिजन प्रयागराज पहुंच रहे हैं और अपनों की तलाश में भटक रहे हैं।
प्रशासन पर उठ रहे सवाल
हादसे के बाद यूपी सरकार और प्रशासन की ओर से भगदड़ की स्पष्ट वजह नहीं बताई गई है। महाकुंभ मेले में लाखों श्रद्धालु एक साथ स्नान करने पहुंचे थे, जिसके कारण आधी रात के बाद हालात बेकाबू हो गए और भगदड़ मच गई। प्रशासन के इंतजामों पर सवाल उठ रहे हैं कि आखिर इतनी बड़ी भीड़ को नियंत्रित करने में कहां चूक हुई।