पटना के गर्दनीबाग में बीपीएससी (BPSC) अभ्यर्थियों का विरोध-प्रदर्शन लगातार जारी है. जन सुराज अभियान के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने BPSC छात्रों के साथ मार्च पर निकलने को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने शेखपुरा हाउस में मीडिया को बताया कि बिहार में हर दूसरे दिन लाठी चल रही, सरकार को कैसे पता नहीं चल रहा है, अगर ऐसा है तो अब से हम उनके साथ खड़े है। देखते है, वह लाठी कैसे चलाते हैं।
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उन्होंने कहा कि अगर छात्र प्रदर्शन कर रहें है तो आपकी सरकार से इजाज़त लेकर ही लोकतांत्रिक तरीके से प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकार को उनसे बात करना चाहिए, उनकी समस्याओं को समझना चाहिए, लेकिन लाठी मारने का अधिकार आपको किसने दिया है। हम इसका विरोध करते हैं। और जब भी छात्र मार्च पर निकलेंगे, तो उस मार्च की अगुआई करने के लिए प्रशांत किशोर और जन सुराज के साथी उनके साथ चलेंगे ताकि हम भी देखना चाहते है पुलिस लाठी कैसे चलाती है और अगर लाठी चलेगी तो इसका परिणाम उन्हें भी भुगतना होगा।
प्रशांत किशोर ने कहा, “बिहार में पिछले 1-2 सालों से लोकतंत्र को लाठीतंत्र में बदल दिया गया है। समाज का काई भी वर्ग सरकार से अगर अपनी बात रखने आता है तो उन्हें लाठी से मारना एक तरीका बन गया है। ये लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। छात्रों की बात सरकार को सुननी पड़ेगी। अगर समाज का कोई भी वर्ग लोकतांत्रिक तरीके से अपनी बात रख रहा है तो उन्हें लाठी मारने का हक नहीं है। मैं छात्रों के साथ खड़ा रहूंगा… दोषियों पर कार्रवाई होनी चाहिए… छात्रों पर होने वाले बल प्रयोग के हम खिलाफ हैं।”
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“मेरी सरकार से मांग है कि एक बार छात्रों को बुलाकर उनसे बात कर ली जाए, लेकिन आप बात करने की जगह उन पर लाठियां चलवा रहे हैं। मुझे बताया गया कि चार छात्र आईसीयू में भर्ती हैं ये कौन सी अराजकता है? ये नीतीश कुमार का राजतंत्र नहीं है यहां की जनता मालिक है। यहां के लड़के रोड पर हैं उन पर आप लाठी चलवा रहे हैं? ये नहीं चल सकता है।