प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 29 अगस्त 2025 से जापान और चीन की यात्रा पर निकलने वाले हैं. इस दौरान वे 15वें भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन और चीन में होने वाले एससीओ शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे.
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भारत पर भारी-भरकम 50% तक टैरिफ लादने वाले अमेरिका और उसके राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पसीने छूटने की बारी है. इसका कारण यह है कि ट्रंप प्रशासन की ओर से 27 अगस्त 2025 से भारी टैरिफ लागू किए जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने पड़ोसी और सहयोगी देश चीन और जापान को साधने के लिए 29 अगस्त 2025 से इन दोनों देशों की यात्रा पर निकलने वाले हैं. इस यात्रा के दौरान वे सबसे पहले 15वें भारत–जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे. वे 30 अगस्त, 2025 तक जापान में रहेंगे. इसके बाद वे 31 अगस्त से 1 सितंबर 2025 के बीच तियानजिन में आयोजित होने वाले एससीओ शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए चीन जाएंगे. उम्मीद यह की जा रही है कि अमेरिका की ओर से टैरिफ लगाए जाने के बाद प्रधानमंत्री उन वस्तुओं के निर्यात की संभावनाएं तलाशेंगे, जिनका भारत से अमेरिका के लिए निर्यात किया जाता है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रस्तावित चीन और जापान यात्रा के दौरान निर्यात विकल्प तलाशने की चर्चा होने की संभावना है. लेकिन उससे पहले यह समझना जरूरी है कि भारत से अमेरिका को कौन-सी प्रमुख वस्तुएं निर्यात की जाती हैं और भविष्य में किन वस्तुओं में विस्तार की संभावनाएं देखी जा रही हैं. भारत-अमेरिका व्यापारिक संबंध लंबे समय से दोनों देशों की आर्थिक साझेदारी का अहम हिस्सा रहे हैं. हालांकि, भारी-भरकम टैरिफ और व्यापार समझौते की चुनौतियां अब भी बरकरार हैं.





















