बजट सत्र के दूसरे फेज के पांचवें दिन मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाकुंभ को लेकर संसद को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि महाकुंभ में अनेक अमृत निकले हैं। एकता का अमृत इसका पवित्र प्रसाद है। महाकुंभ को लेकर पीएम मोदी के भाषण पर विपक्ष ने निशाना साधा है। मोदी के भाषण के समय विपक्ष ने वाक् आउट कर दिया। विपक्ष का कहना है कि महाकुंभ को लेकर विपक्ष के कई सवाल थे, पर उन्हें बोलने नहीं दिया गया।
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इधर, केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसद में महाकुंभ पर भाषण उन भक्तों के प्रति सम्मान का प्रदर्शन था, जिन्होंने इस आयोजन को सफल बनाया। इतने भव्य आयोजन को हर किसी के प्रयासों के बिना इतनी आसानी से आयोजित करना संभव नहीं था। उन भक्तों के प्रति सम्मान व्यक्त करना आवश्यक था जिन्होंने इस आयोजन को सफल बनाया।
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केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने संसद में महाकुंभ पर प्रधानमंत्री मोदी के वक्तव्य पर कहा, “सबका साथ, सबका प्रयास और सबका विकास, इतने भव्य आयोजन को इतनी सहजता से आयोजित करना सभी के प्रयासों के बिना संभव नहीं था। मुझे लगता है कि भारतीय संसद की ओर से इस आयोजन को सफल बनाने वाले श्रद्धालुओं के प्रति सम्मान व्यक्त करना आवश्यक था।
RJD नेता तेजस्वी यादव के बयान पर उन्होंने कहा, “वे जिस आंकड़े का जिक्र कर रहे हैं, मैं ये नहीं कह रहा कि अगर आप तुलना करें और हमारा अपराध कम है तो अपराध नहीं है, लेकिन कम से कम उस दौर से तुलना तो होनी चाहिए। 90 के दशक से, उस समय अपराध की क्या स्थिति थी। मुझे लगता है कि जिसने भी 90 का दशक देखा होगा, उसे समझ में आएगा कि तब और अब की स्थिति में काफी बदलाव आया है।
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वहीं केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कांग्रेस सांसद व लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के बयान पर कहा, “वे विपक्ष के नेता हैं और मुझे उन पर टिप्पणी करने का अधिकार नहीं है, लेकिन ऐसा लगता है कि उन्हें लोकसभा के नियमों की जानकारी नहीं है। अगर उन्हें जानकारी होती तो वह इस तरह के सवाल नहीं उठाते क्योंकि जब प्रधानमंत्री खुद खड़े होते हैं तो उस पर सवाल नहीं पूछे जाते, उन्हें इससे अवगत भी करा दिया गया, लेकिन मीडिया में बने रहने के लिए कुछ न कुछ बोलना राहुल गांधी की आदत है।”