बिहार के सभी जिले अब नक्सल मुक्त हो चुके हैं। यह बात कुछ दिन पहले सीएम नीतीश कुमार ने गृहमंत्री अमित शाह के एक बयान के बाद दुहराई थी। लेकिन अब खुलासा यह हुआ है कि बिहार में नक्सलियों की गतिविधि एक बार फिर बढ़ रही है। उन्हें फंडिंग की जा रही है। और ये फंडिंग कुछ राजनीतिक दलों द्वारा की जा रही है। राजनीति और नक्सल के इस कनेक्शन ने अलग लेवल का खतरा पैदा कर दिया है। क्योंकि राजनीतिक संरक्षण नक्सलियों को और घातक बना सकता है।
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नक्सलियों ने NIA को दी जानकारी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नक्सलियों को राजनीतिक दलों द्वारा फंडिंग का खुलासा गिरफ्तार हुए नक्सलियों ने दिया है। पिछले दिनों सीपीआई (माओ) की सेंट्रल कमेटी के सक्रिय सदस्य विजय कुमार आर्य की गिरफ्तारी के बाद बड़े खुलासे हुए। विजय कुमार आर्य के साथ उसका साथी उमेश चौधरी भी अरेस्ट हुआ। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक दोनों ने फंडिंग और गतिविधियों को बढ़ाने की बात स्वीकारी है।
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अब फंडिंग पर NIA की नजर
नक्सलियों को मिलने अंजान स्त्रोत की फंडिंग का राजनीतिक कनेक्शन होने की आशंका के बाद NIA ने अपनी गतिविधियां बढ़ा दी हैं। बताया जाता है कि नक्सलियों को फंडिंग किसने की, इसकी भी अब जांच एजेंसी तलाश कर रही है। साथ ही फंडिंग रोकने, नक्सलियों की गतिविधियों पर भी जांच एजेंसी की नजर है।
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