भारत रत्न लोकनायक जय प्रकाश नारायण की जयंती पर उत्तर प्रदेश से लेकर बिहार में सियासत गरमा गई है। यूपी सरकार ने पूर्व सीएम अखिलेश यादव को जेपी कन्वेशन सेंटर जाने से रोक दिया। हंगामे के बीच अखिलेश यादव ने घर में लगी लोकनायक की मूर्ति पर माला चढ़ा दी। इस मौके पर सैकड़ों सपा कार्यकर्ता नारेबाजी करते रहे। वरिष्ठ समाजवादी नेता जेपी नारायण की जयंती पर यूपी का राजनीतिक पारा चढ़ा रहा। इस मौके पर अखिलेश यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अपील की है कि वे नरेंद्र मोदी सरकार से अपना समर्थन वापस ले लें। अखिलेश ने कहा कि नीतीश कुमार भी जेपी आंदोलन से निकले हैं। वो यह देखें कि कैसे बीजेपी सरकार जेपी को श्रद्धाजंलि नहीं देने दे रही है।
अपने संबोधन में अखिलेश यादव ने कहा- ऐसी सरकार जो समाजवादियों को जयप्रकाश नारायण को याद नहीं करने दे रही है। उससे नीतीश कुमार को अपना समर्थन वापस ले लेना चाहिए। नीतीश कुमार भी जेपी आंदोलन से उभरे हैं। यह नीतीश कुमार के लिए उस सरकार से समर्थन वापस लेने का मौका है। आज त्योहार है, नहीं तो बैरिकेडिंग रोक नहीं पाती, इसे तोड़ देते।’ हम समाजवादी लोग अपने नेताओं को सम्मान देते रहेंगे। गौरतलब है कि नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू एनडीए गठबंधन में शामिल है।
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वहीं इस बयान को लेकर जेडीयू नेता राजीव रंजन ने कहा, ‘ये बयान हैरतअंगेज है। केवल उन्हें श्रद्धांजलि तक ही सीमित रखेंगे अखिलेश यादव जी या उनके रास्ते पर भी चलेंगे। जेपी ने परिवारवाद, वंशवाद को बढ़ावा नहीं दिया। अगर अखिलेश यादव ने उनके जीवन मूल्यों को तरजीह दी होती, तो एक परिवार का संपूर्ण आधिपत्य एक पार्टी पर नहीं होता। जहां तक श्रद्धांजलि सभा में रोके जाने पर सवाल है, तो आधी रात में वहां जाने के बजाय उन्हें आज जयंती मनानी चाहिए थी।