भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता और पूर्व विधायक श्री मनोज शर्मा ने प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव द्वारा मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के ऊपर दिए गए आपत्तिजनक बयान की निंदा की है और कहा है कि प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव यात्रा करके जब से लौटे हैं तब से उनको जमीनी हकीकत का पता चल गया है। उनके नीचे की जमीन पूरी तरह से खिसक चुकी है। अब यह अलबल( बेबुनियाद) बोल रहे हैं। बेतुका का बयान दे रहे हैं। उनके बयान निहायत थी दोयम दर्जे और निम्न कैटेगरी के होते हैं। हालांकि यह दोष इनका नहीं है, इनको जो विरासत में संस्कार मिले हुए हैं, उसी का वह प्रदर्शन कर रहे हैं।
मनोज शर्मा ने तेजस्वी यादव पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा शायद तेजस्वी यादव को याद नहीं है लेकिन, दुनिया में एक कहावत है कि जब रोम जल रहा था तो नीरो बंशी बजा रहा था। वह कहावत उनके माता-पिता की सरकार में फिट बैठती थी, जब पूरा बिहार अपराध, मर्डर, डकैती, अपहरण जैसे वारदातों में जल रहा था तो, मियां-बीवी की सरकार चैन की बंसी बजा रही थे। लालू यादव और राबड़ी देवी होश में कहां थे? वह तो मदहोश थे, सत्ता के अहंकार में। उसी मदहोशी में तेजस्वी यादव का लालन-पालन हुआ है। उन्हें बिहार और बिहार वासियों से कहां मतलब था? वह तो अपने परिवार के लिए धन संग्रहित कर रहे थे।
भाजपा प्रवक्ता ने आगे कहा कि तेजस्वी यादव अपनी टोपी दूसरे के सर पहना रहें हैं, उनके माता-पिता की सरकार में कैसे कुछ नेता और अधिकारी मिलकर सरकार चलाते थे, यह जग जाहिर है। कैसे लालू यादव निरंकुश होकर अधिकारियों को फटकारते थे, यह जग जाहिर है। तेजस्वी यादव शायद भूल रहे हैं उनके माता-पिता की सरकार में जो स्वाभिमानी अधिकारी और ईमानदार अधिकारी थे, उन्होंने अपना तबादला करवा लिया था। वह बिहार में आना नहीं चाहते थे। बिहार कैडर के रहते हुए भी उन्होंने अपनी पूरी नौकरी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर की थी।