दिल्ली: दिल्ली में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। आप पार्टी के संयोजक अरविन्द केजरीवाल पूरी तैयारी में हैं। कांग्रेस अपनी अलग तैयारी में जुटी है। जबकि इंडी गठबंधन (INDI Alliance) का जिक्र नहीं देखा जा रहा है। बिहार के राजद की अब तक साथ आने की कोई खबर नहीं है। ऐसे में NDA के नेता इंडिया गठबंधन में फूट की बात कर रहे हैं। इसमें नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के कल बक्सर में दिए बयान ने बिहार से दिल्ली तक हलचल मचा दी है।
तो खत्म कर दें इंडी गठबंधन…. तेजस्वी यादव के बयान पर ऐसा क्यों बोले जम्मू-कश्मीर सीएम उमर अब्दुल्ला
राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि INDI गठबंधन में जो भी पार्टियां हैं उनके बीच स्वार्थ के आधार पर मित्रता है। अलग-अलग पार्टी के नेता अलग-अलग बयान देते हैं। इसलिए स्वाभाविक तौर पर वहां ‘सिर फुटव्वल’ की स्थिति है। राजद नेता तेजस्वी यादव के बयान पर उन्होंने कहा, “जहां तक JDU का मामला है तो वो कोई मुद्दा ही नहीं है। नीतीश कुमार कई बार कह चुके हैं कि वे NDA में हैं और वे NDA के साथ ही रहेंगे। इसमें कोई दो राय नहीं है। (INDIA)महागठबंधन का सवाल है तो उसमें एक तरफ लालू यादव का बयान आता है कि ममता बनर्जी को INDI गठबंधन का नेतृत्व देना चाहिए और दूसरी तरफ तेजस्वी यादव कहते हैं कि INDI गठबंधन है ही नहीं।
JDU सांसद संजय कुमार झा ने कहा कि INDI गठबंधन का नाम तो बड़ा रख दिया गया, जिसका नीतीश कुमार ने विरोध भी किया था लेकिन कभी भी इसमें कोई एकरूपता नहीं थी। INDI गठबंधन के लोग एक परिवार से बाहर देख ही नहीं सकते हैं। देश के लिए उनका क्या विजन है या क्या नीति है उस बारे में कोई बात ही नहीं थी। लोकसभा चुनाव से ही यह विभाजित गठबंधन था। जब हम(JDU) इस गठबंधन से अलग हुए तब ही हमने देख लिया कि इसका क्या परिणाम होने वाला है।
बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा, INDI गठबंधन के लोग सिर्फ अपने स्वार्थ में हैं, कोई गठबंधन के स्वार्थ में नहीं है। केवल ‘अपना राज, अपनी व्यवस्था और अपनी चिंता’, यही INDI गठबंधन का धर्म है। कांग्रेस पार्टी अपनी चिंता करती है, राजद अपनी चिंता करती है और AAP अपनी चिंता करती है इसलिए सबको भाजपा व NDA मिलकर हराने का काम करेगी।
भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि हम कांग्रेस मुक्त भारत का प्रण लेकर चले हैं। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस एक साथ मिलकर सरकार भी बना चुकी है और एक साथ मिलकर चुनाव भी लड़ चुके हैं। उनके दिल कभी नहीं मिले। अपने-अपने भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए वे बहुत बार एक होने की कोशिश करते हैं लेकिन समय के साथ सब कुछ साफ हो जाता है।