बिहार में इसी साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में चुनावी साल को देखते हुए सियासी गलियारे में बयानबाजी का दौर भी तेज हो गया है। दरअसल आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने नए साल के पहले ही दिन एक इंटरव्यू में नीतीश कुमार के फिर से महागठबंधन के साथ आने को लेकर बड़ा बयान दिया है। लालू यादव का यह बयान इस लिहाज से भी महत्वपूर्ण है क्यों कि तेजस्वी यादव अपने पिता लालू यादव से कुछ अलग ही बयान दे रहे हैं।
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नए साल के पहले ही दिन लालू यादव ने सीएम नीतीश कुमार के लिए अपना दरवाजा खोल दिया है। एक निजी चैनल से बातचीत में लालू यादव ने कहा कि “नीतीश के लिए हमारा दरवाजा तो खुला है, नीतीश को भी खोलकर रखना चाहिए”। उन्होंने कहा कि “नीतीश आते हैं तो साथ काहे नहीं लेंगे? ले लेंगे साथ। नीतीश साथ में आएं, काम करें”। राजद सुप्रीमो ने कहा कि नीतीश कुमार भाग जाते हैं, हम माफ कर देंगे।
वहीं नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बिहार को नंबर एक राज्य बनाने की प्रतिज्ञा की है। उन्होंने कहा कि इस साल नीतीश चाचा की विदाई तय है। नीतीश कुमार विदाई यात्रा में हैं। पता नहीं वह कहां घूम रहे हैं। किससे बात कर रहे हैं। राजद नेता ने कहा कि नीतीश कुमार थक चुके हैं। खेत में लगातार 20 साल तक एक ही बीज डालने से फसल और जमीन दोनों खराब होगा। उन्होंने कहा कि नए ब्रांड का नया बीज डालने का समय आ गया है। नए साल में बिहार को आगे बढ़ाना है।
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तेजस्वी यादव ने बार-बार कहा है कि चाचा नीतीश कुमार के लिए उनके दरवाजे बंद हो गए हैं।अब नीतीश कुमार साथ आना भी चाहेंगे तो वह उनको नहीं लेंगे। तेजस्वी यादव ने तो यहां तक कह दिया था कि नीतीश कुमार को वापस अपने साथ लेकर वह अपने पैर पर कुल्हाड़ी नहीं मारेंगे। हालांकि लालू यादव के इस ताजा बयान के बाद से बिहार में राजनीतिक कयासों का बाजार एक बार फिर से तेज हो गया है।