राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश की मुलाकात बिहार के सीएम नीतीश कुमार से हुई है। हरिवंश जदयू से ही राज्यसभा भेजे गए हैं। लेकिन भाजपा और जदयू के अलग होने के बाद चर्चा यह थी कि नीतीश कुमार और हरिवंश के बीच भी दूरी आ गई है। यह चर्चा पुख्ता तब हुई थी, जब नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का जदयू ने तो बहिष्कार किया लेकिन हरिवंश उसमें शामिल हुए। इस पर जदयू ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी। अब हरिवंश और नीतीश की मुलाकात के बाद कयासबाजी यह शुरू हो गई है कि नीतीश कहीं फिर तो ‘मोदी द्वार’ खोलने यानि भाजपा के साथ जाने की कोशिश में तो नहीं हैं?
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हरिवंश के स्टैंड से नाराज रहा है जदयू
जदयू और भाजपा का रिश्ता खत्म होने के बाद तल्खी लगातार बढ़ी है। भाजपा के तमाम हमदर्दों को जदयू ने एक एक कर किनारे कर दिया। राजनीतिक गलियारों में एक चर्चा यह सरेआम थी कि राज्यसभा के उपसभापति और जदयू सांसद हरिवंश भाजपा के करीब हो गए हैं। जदयू और भाजपा के रिश्तों में अलगाव के महीनों बाद भी राज्यसभा के उपसभापति के कुर्सी पर हरिवंश अब तक जमे हैं। हालांकि इस बीच हरिवंश ने जदयू के किसी नेता या पार्टी लाइन के खिलाफ कोई बात नहीं कही है। लेकिन कई बार बिहार आकर भी हरिवंश का नीतीश कुमार से नहीं मिलना दोनों के बीच की दूरी की आशंका को बढ़ावा देता रहा है।
संसद उद्घाटन पर जदयू ने दिया था कड़ा बयान
नए संसद के उद्घाटन में जब हरिवंश शामिल हुए तो जदयू नेताओं के सब्र का बांध टूट गया। भाजपा से अलग होने के बाद भी हरिवंश का राज्यसभा उपसभापति बने रहना जदयू नेताओं को अंदर ही अंदर खल रहा था। लेकिन संसद उद्घाटन में जदयू के बहिष्कार के बाद भी जब हरिवंश शामिल हुए तो बयानों के तीर उन्हें खूब चुभाए गए। जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि हरिवंश ने अपना जमीर बेच दिया है। नीरज कुमार यहीं नहीं रुके। उन्होंने यह भी कह दिया कि हरिवंश ने राजनीति के साथ साथ पत्रकारिता को भी कलंकित किया है। नीरज ने कहा कि हरिवंश ने अपनी लेखनी और जमीर को बेच दिया है। जहां राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का अपमान किया गया हो, उस कार्यक्रम में चले गए।
नीतीश से मुलाकात पर नए संकेत?
अब जब हरिवंश और नीतीश कुमार की मुलाकात हुई है तो इस मुलाकात के संकेतों पर कयासबाजी शुरू हो गई है। चूंकि दोनों ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है, ऐसे में कयासबाजी और जोर पकड़ रही है। एक चर्चा यह है कि हरिवंश और नीतीश कुमार की मुलाकात उसी कड़ी का हिस्सा है, जिसमें नीतीश कुमार अपनी पार्टी के सभी विधायकों और सांसदों से मिल रहे हैं। जबकि दूसरी चर्चा यह है कि महाराष्ट्र की राजनीतिक उठापटक के बाद नीतीश कुमार वापस भाजपा की ओर मुड़ रहे हैं। हालांकि नीतीश कुमार या जदयू की ओर से ऐसा कोई संकेत नहीं दिया गया है। लेकिन राजनीति में कुछ नहीं कहना भी कई बार बहुत कुछ कहा हुआ समझा जाता है।
प्रशांत किशोर भी लगा चुके हैं आरोप
हरिवंश के राज्यसभा का उपसभापति पद नहीं छोड़ने पर प्रशांत किशोर भी नीतीश कुमार पर आरोप लगा चुके हैं। प्रशांत किशोर ने कई बार कहा है कि हरिवंश के जरिए नीतीश कुमार ने भाजपा से अपने संबंधों को जोड़े रखा है। मौका मिलने पर हरिवंश के जरिए ही नीतीश कुमार अपनी पार्टी को भाजपा के समर्थन में खड़ा कर देंगे।