पिछले कुछ दिनों से बिहार की राजनीति में कयास लगाये जा रहे थे कि नीतीश कुमार (NitishKumar) बीजेपी से नाराज़ चल रहे हैं। दरअसल, केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह के एक इंटरव्यू में बिहार के सीएम फेस पर साफ़ जवाब न देने पर यह मुद्दा उठा कि नीतीश कुमार नाराज़ हो गये हैं और वह राजद के साथ जा सकते हैं। इसके बाद बिहार से दिल्ली तक हलचल मच गई। भाजपा और जदयू के नेता सफाई देने लगे। भाजपा नेताओं ने एक सुर में कहना शुरू कर दिया कि 2025 का चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही लड़ा जायेगा। केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने तो एक कदम आगे बढ़कर नीतीश कुमार की तारीफ करते हुए उनके लिए भारत रत्न सम्मान देने तक की मांग कर दी।
राजद ने दिया ऑफर
राजद भी कहां पीछे रहने वाली है। राजद प्रवक्ता भाई वीरेंद्र और मृत्युंजय तिवारी ने तो नीतीश कुमार को राजद में आने का ऑफर तक दे दिया। वहीं नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार के प्रति सॉफ्ट होते हुए यह कह दिया कि बिहार की सरकार दिल्ली से कंट्रोल हो रही है। उन्होंने यह भी कहा कि नीतीश कुमार के चार नेता अमित शाह के संपर्क में हैं। उन्हें अमित शाह कंट्रोल करते हैं। राजद के ऑफर और तेजस्वी यादव के बयान पर जेडीयू और बीजेपी नेताओं ने पलटवार भी किया। लेकिन अब खुद नीतीश कुमार ने ही सभी इफ बट और मीडिया में चल रहे कयासों पर फुल स्टॉप लगा दिया है।
दो बार गलती से इधर से उधर चले गए
दरअसल, ‘प्रगति-यात्रा के क्रम में चौथा जिला यानी सीतामढ़ी में विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के बाद सीएम नीतीश कुमार ने योजनाओं की समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने फिर ऐसा बयान दिया कि वह वायरल हो गया। उन्होंने कहा है कि हम दो बार गलती से इधर से उधर चले गए थे। अब हमलोग हमेशा साथ रहेंगे और बिहार के साथ देश का विकास करेंगे। दरअसल, सीतामढ़ी कलेक्ट्रेट में सीएम ने सीतामढ़ी/शिवहर की संयुक्त समीक्षा बैठक की।
लालू-राबड़ी शासन पर साधा निशाना
इस दौरान उन्होंने 2005 से पूर्व लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी सरकार का तो खुलकर जिक्र नहीं किया, लेकिन बातों ही बातों में वह सबकुछ कह दिया, जिसकी चर्चा बराबर होती रही है। कहा कि 24 नवंबर 2005 से बिहार के लोगों ने उन्हें काम करने का मौका दिया है। उस समय से बिहार के विकास के लिए निरंतर काम कर रहे हैं। सभी क्षेत्रों और सभी वर्गों के लिए लगातार विकास का काम किया जा रहा है। सीएम कुमार ने बेहिचक कहा कि 2005 से पहले बिहार की हालत काफी खराब थी। शाम के बाद लोग अपने घरों से बाहर निकलने में डरते थे। अस्पतालों में इलाज का इंतजाम नहीं था, सड़कें जर्जर थीं। शिक्षा की हालत ठीक नहीं थी।
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सीएम ने कहा कि पहले अक्सर हिन्दू-मुस्लिम विवाद की खबरें आती थीं। जब बिहार के लोगों ने उन्हें काम का मौका दिया, तब से सूबे की स्थिति बदली है। हर क्षेत्र में विकास के काम किए जा रहे हैं। किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं किया गया है। हमलोग मिलकर लगातार बिहार को आगे बढ़ा रहे हैं। इस बात को फिर दोहराया कि हम दो बार गलती से इधर से उधर चले गए थे। अब हमलोग हमेशा साथ रहेंगे और बिहार के साथ देश का विकास करेंगे।
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दरअसल, गलती से इधर से उधर चले जाने की बात सीएम ने राजद के लिए कही। भले ही वे राजद या उसके किसी नेता का नाम नहीं लिए, लेकिन उनका इशारा तो राजद की ओर ही इंगित करता है। कयास लगाया जा रहा है कि राजद की ओर से उन्हें एक बार फिर महागठबंधन में शामिल होने का कथित तौर पर ऑफर मिला है। संभवत: इसी कयास पर विराम लगाने के लिए सीएम कुमार को यह सफाई देनी पड़ी है।