बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा की हलचल अभी से ही तेज होने लगी है। साल शुरू होते ही हर कोई अपना अपना समीकरण बना रहा है। कभी नीतीश कुमार के महागठबंधन के साथ मिलकर सरकार बनाने की बात सामने आ रही है, तो वहीं अब प्रशांत किशोर के इंडि गठबंधन में जाने की चर्चा होने लगी है।
प्रशांत किशोर के एक बयान ने इस इस बात को आग दे दी है। उन्होंने BPSC परीक्षा रद्द करने के दौरान धरना पर बैठे हुए मीडिया को बाइट दिया, जहाँ उन्होंने राहुल गांधी और तेजस्वी यादव से अपील की है। उन्होंने कहा है कि बिहार के युवाओं की लड़ाई का नेतृत्व अगर वो आकर करते हैं तो मैं उनके पीछे खड़ा हो जाऊंगा। उनके इस बयान के बाद से चर्चा तेज होने लगी है।
दरअसल, जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने रविवार को गांधी मैदान स्थित गांधी मूर्ति के नीचे अपने आमरण अनशन के चौथे दिन एक महत्वपूर्ण प्रेस वार्ता की। इस मौके पर उन्होंने बिहार में व्याप्त भ्रष्टाचार और प्रशासनिक विफलताओं के खिलाफ अपनी मुहिम को और मजबूती से जारी रखने की बात कही।
प्रेस वार्ता के दौरान प्रशांत किशोर ने स्पष्ट रूप से कहा, यह आंदोलन किसी एक व्यक्ति का नहीं है, बल्कि यह बिहार की खराब व्यवस्था के खिलाफ है। मैं तमाम राजनीतिक पार्टी से ये अपील करता हूं कि चाहे वो तेजस्वी यादव हों, राहुल गांधी हों, या कोई और नेता, वे हमारे साथ आएं। मैं उनके पीछे बैठकर इस आंदोलन का समर्थन करूंगा। अगर युवा तय कर लें कि वे नेता इसका नेतृत्व करेंगे, तो मैं पीछे हटने के लिए तैयार हूं।
प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर प्रशासन उनकी गिरफ्तारी कर भी लेती है, तो भी ये सत्याग्रह जारी रहेगा। उन्होंने यह जानकारी दी कि *अब यह आंदोलन 51 सदस्यीय युवा सत्याग्रह समिति द्वारा आगे बढ़ाया जाएगा।* यह समिति बिहार की व्यवस्था में सुधार के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा, मैं उन 51 समिति के साथ खड़ा हूं, और उनकी मदद करूंगा। अब यह आंदोलन सिर्फ BPSC के खिलाफ नहीं है, बल्कि बिहार की पूरी व्यवस्था के खिलाफ है।प्रशांत किशोर ने साफ़ कहा, हमारा संघर्ष एक युवा नेतृत्व वाली जन शक्ति के रूप में जारी रहेगा। सरकार चाहे कितनी भी ताकतवर क्यों न हो, जन बल से अधिक कोई बल नहीं है। इन युवाओं की कमिटमेंट मेरी अपेक्षा से कहीं ज्यादा मजबूत है।
उन्होंने बिहार के लोगों से आह्वान करते हुए कहा, यह लड़ाई सिर्फ BPSC की नहीं, यह बिहार की व्यवस्था को सुधारने की है। युवाओं का इस संघर्ष में साथ देना आवश्यक है। हम सिर्फ गांधी मैदान में बैठकर नहीं, बल्कि सत्याग्रह के मार्ग पर चलकर बिहार के भविष्य के लिए संघर्ष कर रहे हैं। हम आपको आमंत्रित करते हैं कि आप हमारे साथ आएं और इस आंदोलन को अपना समर्थन दें।