लोकसभा में ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ विधेयक पर पहली बार ई-वोटिंग कराई गई। जिसमें पक्ष में कुल 269 वोट पड़े और विपक्ष में कुल 198 वोट पड़े। वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर राजनीतिक दलों के अलग-अलग मत हैं। कांग्रेस ने संसद में बिल को विरोध किया है। सत्ता पक्ष के नेता जहां इसका समर्थन कर रहे हैं, वहीं विपक्ष इसका विरोध कर रहा है। इस दौरान बिहार के पूर्णिया से सांसद पप्पू यादव ने इस बिल को लेकर बड़ी बात कह दी।
‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ विधेयक पर पप्पू यादव ने कहा कि आप किसी भी मुद्दे को उठाकर देख लीजिए, आपको समझ आएगा कि किसी भी परिस्थिति में इनके(NDA सरकार) पास दो ही मुद्दे हैं। पहला बांटों और राज करो, दूसरा सभी जरूरी मुद्दों को दरकिनार करना। कोई मुद्दा ऐसा नहीं है जिस पर वे गंभीर हैं। वे केवल हर मुद्दे से देश के लोगों को भटकाते हैं। अगर पैसों की बचत करनी है तो चुनाव आयोग को चुनाव प्रचार का बजट दे दीजिए। उन्हें जर्मनी, यूरोप से सीखना चाहिए। उन्होंने कहा कि (इस बिल से) सबसे बुरा हाल एकनाथ शिंदे, नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडु की पार्टियों का होगा।
‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ विधेयक पर यूपी के नगीना से सांसद और आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चन्द्रशेखर आजाद ने कहा कि बाबा साहेब अंबेडकर और उनके सहयोगी जिन्होंने संविधान का निर्माण किया उनसे बड़ी सोच आज की सरकार की नहीं हो सकती है। उनकी सोच भविष्य को लेकर दूरगामी थी और इसलिए उन्होंने राज्य सरकार को शक्ति दी। आप राज्य को अपने अधीन नहीं कर सकते हैं।
एग्जामिनेशन और घोटाला…यह एक पूरक बन गया है… लोकसभा में पप्पू यादव ने पेपर लीक का मुद्दा उठाया
लोकतंत्र में जो राज्यों की शक्ति दी गई है उसे कमजोर करके आप आगे नहीं बढ़ सकते हैं इसलिए हमने आज इसका विरोध किया है… यह बिल लोकशाही को तानाशाही की तरफ लेकर जाएगा। 2 दिन पहले ही सरकार ने संविधान पर बहस करवाई थी और वादा किया कि वे संविधान की रक्षा करेंगे लेकिन 2 ही दिन बाद संविधान पर इतना मजबूत हमला? मैं चाहता हूं कि सरकार इस बिल को वापस ले।
वहीं वन नेशन वन इलेक्शन विधेयक पर जेडी(यू) नेता केसी त्यागी ने कहा कि JDU और हमारे नेता नीतीश कुमार पहले से ही एक साथ चुनाव कराने का समर्थन कर चुके हैं और हम इस विधेयक को पास करेंगे।