नगर विकास एवं आवास विभाग की तरफ से गंगा किनारे बनने वाले एसटीपी का कार्य काफी जोर-शोर से चल रहा है। पटना शहर में कुल 6 में से 4 एसटीपी का काम पूरा हो गया है, जबकि दो अन्य सीवरेज परियोजनाओं- दीघा सीवरेज नेटवर्क एवं एसटीपी तथा कंकड़बाग सीवरेज नेटवर्क एवं एसटीपी का काम प्रगति पर है। पहाड़ी जोन 5 सीवरेज नेटवर्क का काम तेजी से चल रहा है और इसके इस वर्ष दिसंबर तक पूरा होने की संभावना है। दीघा एसटीपी का काम 48 प्रतिशत और कंकड़बाग एसटीपी का काम लगभग 46 प्रतिशत पूरा हो गया है। पटना शहर में 1165.55 किलोमीटर सीवरेज नेटवर्क तथा 350 एमएलडी क्षमता की एसटीपी योजना से संबंधित कुल 11 योजनाएँ स्वीकृत हैं।
नगर विकास एवं आवास विभाग के मंत्री श्री नितिन नवीन ने कहा कि पटना महानगर को स्वच्छ एवं साफ-सुथरा रखना सरकार की प्राथमिकता है, इसलिए पुराने नालों और सीवरेज को दुरूस्त करने के साथ ही सीवरेज का नया नेटवर्क बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इससे शहर के गंदे पानी को ट्रीट करके गंगा नदी में डाला जाएगा, जिससे गंगा नदी को भी प्रदूषण मुक्त करने में मदद मिलेगी। गौरतलब हो कि पटना में चार एसटीपी परियोजनाओं- बेउर एसटीपी, करमलीचक एसटीपी, सैदपुर एसटीपी एवं पहाड़ी एसटीपी का काम पूरा हो चुका है।
वहीं, इस संबंध में विभाग के सचिव श्री अभय कुमार सिंह ने बताया ‘‘चार सीवरेज नेटवर्क परियोजनाएँ तथा बेउर सीवरेज नेटवर्क, सैदपुर सीवरेज नेटवर्क, पहाड़ी जोन- 4 सीवरेज नेटवर्क एवं करमलीचक सीवरेज नेटवर्क पूर्ण हो चुका है। इनमें से दो एसटीपी परियोजनाएँ- सैदपुर एवं पहाड़ी तथा चारों सीवरेज नेटवर्क विगत दो वर्षों में पूरी की गई हैं।’’
पटना के अलावा 10 अन्य शहरों- दानापुर, बाढ़, मनेर, मोकामा, फुलवारीशरीफ, सोनपुर, छपरा, नवगछिया एवं सुल्तानगंज आई एंड डी. एवं एसटीपी और मुंगेर सीवरेज नेटवर्क एवं एसटीपी परियोजनाएँ पूर्ण हो चुकी हैं। ये सभी परियोजनाएँ विगत दो वर्षों में पूर्ण की गई हैं। राज्यभर में बनने वाले एसटीपी पर कुल लागत लगभग 7500 करोड़ रूपये आएगी।