आज बिहार बंद के आह्वान पर जहां महागठबंधन के नेताओं ने सड़कों पर विरोध प्रदर्शन किया, वहीं जन सुराज अभियान के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने इस बंद पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए आंदोलनकारियों को जमकर आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि कोई बिहार बंद नहीं है, हजारों लोग यहां सभा में सुनने आए हैं। चुनाव आयोग गलत कर रहा है उसके लिए चुनाव आयोग का घेराव होना चाहिए न कि गरीब जनता को परेशान किया जाना चाहिए।

उन्होंने बंद को गरीब विरोधी करार देते हुए कहा कि “चुनाव आयोग को घेरो, गरीब जनता को क्यों तंग कर रहे हो?”प्रशांत किशोर ने बंद के दौरान आम लोगों को हो रही परेशानियों का जिक्र करते हुए कहा कि हमें चक्का जाम नहीं चाहिए, हमें फैक्ट्री चाहिए। हमें हड़ताल नहीं चाहिए, हमें रोज़गार चाहिए।” उन्होंने कहा कि बिहार बंद से सबसे ज्यादा नुकसान गरीब तबके को होता है –”दुकानें बंद हो जाती हैं, रेहड़ी-पटरी वाले, रिक्शा और ऑटो चालकों की कमाई रुक जाती है। बीमारों को अस्पताल पहुंचने में दिक्कत होती है।”
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बंद का नेतृत्व कर रहे नेताओं पर निशाना साधते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि नेता लोग अपने घरों में एसी चला रहे हैं और आम जनता सड़कों पर परेशान हो रही है। ये कैसी राजनीति है?” उन्होंने आंदोलनकारियों को सीधे ललकारते हुए कहा, अगर आपको घेरना है, तो चुनाव आयोग को घेरिए। अगर आपको घेरना है, तो मोदी जब आते हैं, उन्हें घेरिए। गरीब जनता को क्यों परेशान करते हो भाई?”
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प्रशांत किशोर ने बंद को “आरजेडी के कुछ गुंडा तत्वों” की करतूत बताते हुए कहा कि जनता अब इस तरह की राजनीति से ऊब चुकी है। उन्होंने कहा कि बदलाव की बयार अब बिहार में चल चुकी है, और यह साफ़ दिखाई दिया सीतामढ़ी में, जहां बिहार बंद के बावजूद जन सुराज के कार्यक्रम में लोगों का भारी जुटान हुआ।