भारत की पहली आदिवासी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आज एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की। वे अंबाला एयर फोर्स स्टेशन पर भारतीय वायुसेना के सबसे उन्नत लड़ाकू विमान राफेल में उड़ान भरने वाली पहली राष्ट्रपति बनीं। यह उनकी दूसरी फाइटर जेट उड़ान थी, जो न केवल रक्षा क्षमताओं पर राष्ट्रपति के विश्वास का प्रतीक है, बल्कि महिलाओं की रक्षा क्षेत्र में बढ़ती भूमिका को भी रेखांकित करती है।
राष्ट्रपति मुर्मु ने राफेल जेट को स्क्वाड्रन लीडर शिवांगी सिंह के साथ उड़ाया, जो देश की पहली महिला राफेल पायलट हैं। यह उड़ान लगभग 30 मिनट की रही, जिसमें जेट ने 15,000 फीट की ऊंचाई पर 700 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से 200 किलोमीटर का सफर तय किया। राष्ट्रपति कार्यालय के अनुसार, यह उड़ान राफेल स्क्वाड्रन के कमांडिंग ऑफिसर ग्रुप कैप्टन अमित गेहलोत के नेतृत्व में आयोजित की गई, और वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह भी एक अलग विमान से साथ उड़ान भर रहे थे।
राष्ट्रपति मुर्मु ने विजिटर्स बुक में लिखा, “राफेल विमान पर मेरी पहली उड़ान एक अविस्मरणीय अनुभव रही। इसने मुझे राष्ट्र की रक्षा क्षमताओं पर गहरा गर्व महसूस कराया। मैं भारतीय वायुसेना और अंबाला एयर फोर्स स्टेशन की पूरी टीम को इस सफल सॉर्टी के लिए बधाई देती हूं।” यह उड़ान 2020 में अंबाला में औपचारिक रूप से शामिल किए गए फ्रेंच-निर्मित राफेल जेट्स की क्षमताओं का प्रदर्शन भी थी, जिन्हें हाल ही में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में आतंकी ठिकानों पर हमलों के लिए इस्तेमाल किया गया था। यह राष्ट्रपति मुर्मु की दूसरी फाइटर जेट उड़ान है। अप्रैल 2023 में उन्होंने असम के तेजपुर एयर फोर्स स्टेशन पर सुखोई-30 एमकेआई में उड़ान भरी थी। पूर्व राष्ट्रपतियों में एपीजे अब्दुल कलाम (2006) और प्रतिभा पाटिल (2009) ने भी सुखोई जेट्स में उड़ान भरी थी, लेकिन राफेल में उड़ान भरने वाली मुर्मु पहली राष्ट्राध्यक्ष हैं।






















