कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने लोकसभा में अपने पहले भाषण के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और केंद्र सरकार पर तीखे हमले किए। संविधान की सुरक्षा, आरक्षण, जाति जनगणना और अडानी के मुद्दे पर उन्होंने सत्ता पक्ष को घेरा। उनकी यह स्पीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की बातों के जवाब में आई, जहां उन्होंने इंदिरा गांधी के कार्यकाल और आपातकाल के मुद्दे पर भी टिप्पणी की। प्रियंका गांधी ने कहा, “1975 की बातें बार-बार उठाई जाती हैं। मैं मानती हूं कि आपातकाल एक गलती थी। लेकिन, क्या आप भी अपनी गलतियों से सीखने को तैयार हैं?” उन्होंने चुनौती दी कि भाजपा बैलेट पेपर से चुनाव कराकर अपनी पारदर्शिता साबित करे।
प्रियंका गांधी ने भाजपा पर संविधान को कमजोर करने का आरोप लगाते हुए कहा, “आज संविधान के सुरक्षा कवच को तोड़ने का काम हो रहा है। सत्ता पक्ष के लोग निजीकरण और लेटरल एंट्री के जरिए आरक्षण को कमजोर कर रहे हैं।” उन्होंने कहा कि चुनावी नतीजों ने सत्ता पक्ष को बदलने पर मजबूर किया है। प्रियंका ने जाति जनगणना की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा, “जनता की मांग है कि जाति जनगणना हो ताकि पता चले कि किसकी क्या स्थिति है और उसके आधार पर नीतियां बनाई जा सकें।” उन्होंने भाजपा की प्रतिक्रिया पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जब कांग्रेस ने जाति जनगणना की बात उठाई तो भाजपा ने मजाक उड़ाते हुए कहा कि ‘भैंस चुरा लेंगे’ और ‘मंगलसूत्र चुरा लेंगे।’
प्रियंका गांधी ने भाजपा को अतीत की बातों पर केंद्रित रहने के लिए आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा कि “आप हमेशा नेहरू जी पर बात करते हैं। वर्तमान की जिम्मेदारी लीजिए। देश को बताइए कि आप क्या कर रहे हैं।” प्रियंका गांधी ने हिमाचल प्रदेश के सेब कारोबार में अडानी समूह की एंट्री का जिक्र करते हुए सरकार पर “एक आदमी” को बचाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि “सारे एयरपोर्ट, खदान, बंदरगाह और कंपनियां एक ही आदमी को दी जा रही हैं। यह सरकार सिर्फ अडानी के लिए चल रही है। अमीर और अमीर हो रहा है, जबकि गरीब और गरीब होता जा रहा है।”