बिहार के सीमांचल क्षेत्र को मजबूत सुरक्षा कवच देने की दिशा में राज्य सरकार ने एक निर्णायक कदम उठाया है। नेपाल, बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल जैसी खुली व संवेदनशील अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं से घिरे इस क्षेत्र में अब आतंकवाद निरोधी दस्ता (Purnea ATS Center) का एक विशेष सेंटर स्थापित किया जा रहा है। राज्य पुलिस मुख्यालय ने पूर्णिया में इस सेंटर के गठन को मंजूरी दे दी है और लक्ष्य रखा गया है कि इसे वर्ष 2026 की पहली तिमाही में हर हाल में संचालन में लाया जाए। यह कदम न केवल सीमांचल की सुरक्षा संरचना को अपग्रेड करेगा, बल्कि राज्य स्तर पर त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता को भी कई गुना बढ़ा देगा।
पूर्णिया लंबे समय से रणनीतिक रूप से एक संवेदनशील ज़ोन माना जाता रहा है। यहां एयरपोर्ट और गैस रिफिलिंग प्लांट की स्थापना के बाद सुरक्षा की जरूरत और अधिक बढ़ गई है। ऐसे में एटीएस सेंटर का खुलना सुरक्षा तंत्र को और मज़बूत करेगा। यह नया सेंटर राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों—रॉ (RAW) और इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB)—के साथ तालमेल बनाकर काम करेगा, जिससे इंटेलिजेंस इनपुट और एक्शन दोनों स्तरों पर अधिक दक्षता लाई जा सकेगी।
पूर्णिया के डीआईजी प्रमोद कुमार मंडल ने बताया कि नेपाल और बांग्लादेश से सटे होने के कारण सीमांचल इलाका हमेशा से संवेदनशील रहा है। अब तक किसी भी बड़े आतंकी इनपुट या घटना में टीम को पटना से भेजना पड़ता था, जिससे कीमती समय बर्बाद हो जाता था। एटीएस सेंटर के शुरू होने से त्वरित कार्रवाई संभव होगी और यह पूरे सीमांचल क्षेत्र के लिए एक मजबूत सुरक्षा छाते की तरह काम करेगा। उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था स्थानीय पुलिस बल को भी बड़ी मजबूती देगी और सीमा क्षेत्रों में सुरक्षा की नई परत जुड़ जाएगी।
















