नई दिल्ली : भारत सरकार ने हाल ही में शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर के बाद एक बड़े कूटनीतिक अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान के तहत, 25 देशों में सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल भेजे जा रहे हैं, ताकि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ भारत का पक्ष मजबूती से रखा जा सके। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस पहल की जानकारी अपने आधिकारिक एक्स हैंडल (@RajnathSingh_in) पर साझा की।
ऑपरेशन सिंदूर: आतंकवाद के खिलाफ भारत की सख्त कार्रवाई
ऑपरेशन सिंदूर 7 मई 2025 को भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा शुरू किया गया एक सटीक सैन्य अभियान था। यह अभियान 22 अप्रैल को पहलगाम (जम्मू-कश्मीर) में हुए आतंकी हमले का जवाब था, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई थी। इस हमले की जिम्मेदारी द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) नामक एक आतंकी संगठन ने ली थी, जो कश्मीर की आजादी की मांग करता है। जवाबी कार्रवाई में, भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया, जिसमें करीब 100 आतंकियों को मार गिराया गया। भारतीय सेना ने दावा किया कि इन ठिकानों में लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और जैश-ए-मोहम्मद (JeM) जैसे संगठनों के आतंकी शिविर शामिल थे।
कूटनीतिक पहल: 25 देशों में भारत का संदेश
ऑपरेशन सिंदूर के बाद, भारत सरकार ने वैश्विक मंच पर अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए एक व्यापक कूटनीतिक अभियान शुरू किया है। इसके तहत, सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल 25 देशों का दौरा करेंगे, जिसमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के मौजूदा 15 सदस्य देश, भविष्य में UNSC के सदस्य बनने वाले पांच देश और पांच अन्य प्रभावशाली देश शामिल हैं। यह अभियान 23 मई 2025 से शुरू होकर 10 दिनों तक चलेगा।
इन प्रतिनिधिमंडलों में 51 राजनीतिक नेता, जिसमें सांसद और पूर्व मंत्री शामिल हैं, और 8 पूर्व राजदूत हिस्सा ले रहे हैं। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व वरिष्ठ सांसदों जैसे शशि थरूर (कांग्रेस), रविशंकर प्रसाद (बीजेपी), संजय कुमार झा (जेडीयू), बाइजयंत पांडा (बीजेपी), कनिमोझी करुणानिधि (डीएमके), सुप्रिया सुले (एनसीपी-एसपी), और श्रीकांत एकनाथ शिंदे (शिवसेना) कर रहे हैं। इस पहल का समन्वय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू कर रहे हैं।
क्यों चुने गए ये 25 देश?
विदेश सचिव विक्रम मिश्री ने मंगलवार को सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को दी गई ब्रीफिंग में बताया कि इन देशों का चयन इसलिए किया गया, क्योंकि पाकिस्तान अगले 17 महीनों तक UNSC का सदस्य रहेगा और इस मंच का इस्तेमाल भारत विरोधी दुष्प्रचार के लिए कर सकता है। बीजेपी सांसद अपराजिता सारंगी ने मिश्री के हवाले से कहा, “पाकिस्तान UNSC में अपनी स्थिति का दुरुपयोग कर भारत के खिलाफ झूठा नैरेटिव पेश करेगा। इसलिए, हमें इन देशों में जाकर अपनी बात रखने की जरूरत है।”
भारत का उद्देश्य इन देशों के समक्ष आतंकवाद के प्रति अपनी जीरो टॉलरेंस नीति को रेखांकित करना और पाकिस्तान को आतंकी संगठनों के समर्थन के लिए जवाबदेह ठहराने की मांग करना है। सारंगी ने कहा, “हम दुनिया को यह संदेश देना चाहते हैं कि भारत आतंकवाद के खिलाफ एकजुट है। पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार 140 करोड़ लोगों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है।”
भारत की स्थिति को वैश्विक समर्थन की जरूरत
ऑपरेशन सिंदूर और इस कूटनीतिक अभियान का मकसद न केवल पाकिस्तान के झूठे नैरेटिव का जवाब देना है, बल्कि वैश्विक समुदाय को यह दिखाना भी है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई में अकेला नहीं है। यह अभियान भारत की उस रणनीति का हिस्सा है, जिसमें वह अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपनी बात को मजबूती से रखना चाहता है और आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देना चाहता है।
इस अभियान को लेकर विपक्ष ने भी सरकार का साथ देने का फैसला किया है, जिससे यह साफ होता है कि आतंकवाद के मुद्दे पर भारत का रुख एकजुट और अटल है।