बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की सरगर्मियों के बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को एक के बाद एक झटके लग रहे हैं। दरभंगा जिले के अलीनगर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक मिश्रीलाल यादव ने हाल ही में पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफे की वजह बताते हुए मिश्रीलाल ने भाजपा पर पिछड़ों, दलितों और गरीबों के प्रति असम्मानजनक रवैया अपनाने का गंभीर आरोप लगाया है। इस बयानबाजी के जवाब में पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता रामकृपाल यादव ने मिश्रीलाल को कड़ा संदेश दिया है। रामकृपाल ने कहा, “पार्टी छोड़कर जाना है तो जाओ, लेकिन गलतबयानी करके बिहार के पिछड़े और अति पिछड़े समाज के लोगों को मूर्ख बनाने का काम न करें।
मिश्रीलाल यादव का इस्तीफा भाजपा के लिए चुनावी दृष्टि से बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि अलीनगर जैसे पिछड़े बहुल क्षेत्रों में यादव समुदाय का प्रभाव महत्वपूर्ण है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह घटना विपक्षी दलों, खासकर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) को मजबूती प्रदान कर सकती है, जो पहले से ही ‘पिछड़ों की आवाज’ उठाने का दावा कर रही है।
मिश्रीलाल यादव ने 10 अक्टूबर को पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपना इस्तीफा औपचारिक रूप से घोषित किया। उन्होंने कहा, “भाजपा गरीबों और पिछड़ों की विरोधी पार्टी है। मैं समाजवादी और सेक्युलर विचारधारा का व्यक्ति हूं। पार्टी ने दलितों-पिछड़ों के लिए कभी काम नहीं किया। मेरा अपमान हुआ है, अब भाजपा में बने रहना संभव नहीं।” मिश्रीलाल ने यह भी आरोप लगाया कि पार्टी नेतृत्व ‘घमंड में चूर’ हो गया है और अब जनता इन्हें सबक सिखाएगी।






















