आज पटना में ’’स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम’’ का आयोजन स्थानीय डा0 दिवाकर तेजस्वी क्लिनिक , एक्जीविशन रोड, पटना में किया गया। इस अवसर पर ‘‘पहल’’ के चिकित्सा निदेशक एवं वरिष्ठ फिजिशियन डा. दिवाकर तेजस्वी ने कहा कि बिहार में भी बाजार में उपलब्ध लाइसेंस प्राप्त कफ सिरप के बैचों की गुणवत्ता की रैंडम जांच समय-समय पर की जानी चाहिए। डा0 तेजस्वी ने बताया कि यह जांच नियमित अंतराल पर होती रहनी चाहिए ताकि जहरीले रसायन जैसे कि ’’डायइथिलीन ग्लाइकोल’’ या अन्य किसी घातक रासायनिक पदार्थ की मिलावट का पता समय रहते लगाया जा सके।
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उन्होंने कहा कि इस दिशा में जिम्मेदार सरकारी तंत्र पर स्पष्ट रूप से जवाबदेही तय होनी चाहिए, ताकि आम जनता को सुरक्षित और गुणवत्तायुक्त दवाएं उपलब्ध हों। हाल ही के वर्षों में देश-विदेश में हुई कई विषाक्तता की घटनाओं ने यह स्पष्ट कर दिया है कि दवाओं की गुणवत्ता नियंत्रण में ढिलाई मानव जीवन के लिए गंभीर खतरा बन सकती है।
डा0 ने बताया कि नकली या घटिया दवाओं के निर्माता, सप्लायर एवं वितरण तंत्र में शामिल दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।






















