लोकसभा चुनाव का अंतिम दौर चल रहा है। पांच चरणों के मतदान हो चुके हैं, दो चरण के मतदान और बाकी हैं। वाल्मिकीनगर लोकसभा क्षेत्र (Valmikinagar Loksabha) में छठे चरण में 25 मई को मतदान होगा। यहां जदयू से सुनील कुमार कुशवाहा और महागठबंधन प्रत्याशी दीपक कुमार यादव के बीच मुक़ाबला है। लेकिन बागी प्रत्याशियों ने भी यहां की लड़ाई को दिलचस्प बना दिया है। साल 2002 के परिसीमन के बाद साल 2008 में पहली बार यह लोकसभा सीट अस्तित्व में आई। इससे पहले यह सीट बगहा के नाम से जानी जाती थी।
JDU और RJD के बीच मुकाबला
2009 मे जब बगहा से वाल्मिकीनगर लोकसभा संसदीय क्षेत्र बना तो उस समय जदयू से बैद्यनाथ महतो निर्वाचित हुए। फिर 2014 में भाजपा के सतीशचन्द्र दूबे ने इस सीट पर कब्जा कर लिया। फिर 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में इस सीट पर बैद्यनाथ महतो ने जीत हासिल की। उसके बाद 2020 में हुए उपचुनाव में उनके लड़के सुनील कुमार विजयी हुए। 2024 में हो रहे लोकसभा चुनाव के लिए वाल्मिकीनगर सीट पर एनडीए समर्थित जदयू से सुनील कुमार का मुक़ाबला महागठबंधन के राजद उम्मीदवार दीपक यादव से है।
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वहीं भाजपा और कांग्रेस के बागी नेताओं मे भी यहाँ की लड़ाई को दिलचस्प बना दिया है। मौजूदा राजद प्रत्याशी पहले भाजपा में थे, लेकिन टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने राजद जॉइन कर सिंबल लेकर चुनावी मैदान में कूद पड़े। वहीं कांग्रेस की यह सीट जब राजद के पास चली गई तो कांग्रेस के प्रवेश मिश्रा ने निर्दलीय नामांकन कर दिया। इधर, भाजपा के लोकप्रिय कार्यकर्ता रहे दिनेश अग्रवाल भी टिकट न मिलने से बागी हो गए और मैदान में कूद गये हैं। यह बागी निर्दलीय नेता भी महंगाई और रोजगार के मुद्दे पर जनता से वोट मांग रहे हैं।
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साल 2014 के लोकसभा चुनाव में वाल्मिकीनगर सीट से भाजपा के सतीश चंद्र दुबे ने जीत दर्ज की थी। सतीश चंद्र दुबे को तीन लाख चौंसठ हजार तेरह वोट हासिल हुए थे और कांग्रेस के पूर्णमासी राम को एक लाख अठारह हजार वोटों से हराया था। वहीं 2019 के लोकसभा चुनाव में जदयू के बैद्यनाथ महतो छह लाख दो हजार छह सौ साठ वोटों से जीते थे। दूसरे नंबर पर कांग्रेस के शाश्वत केदार को दो लाख अड़तालीस हजार चौवालीस वोट मिले थे तो वहीं वसपा के दीपक यादव को बासठ हजार नौ सौ तिरसठ वोट मिले थे।