बिहार सरकार ने बुधवार को पूर्व IPS शिवदीप लांडे का इस्तीफा मंजूर कर लिया। इसके बाद शिवदीप लांडे ने फेसबुक पर एक पोस्ट करते हुए लिखा- “जल्द आप लोगों के बीच आ रहा हूं।” उनकी इस पोस्ट के बाद राजनीतिक और सामाजिक हलकों में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है।
फेसबुक पोस्ट ने बढ़ाई उत्सुकता
फेसबुक पर पोस्ट की गई तस्वीर को लेकर भी लोग अलग-अलग कयास लगा रहे हैं। कुछ यूजर्स का मानना है कि वह राजनीति में शामिल हो सकते हैं, जबकि कुछ लोगों को लगता है कि वे अध्यात्म की ओर जा रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, “सर, आपके फैसले से पुलिस महकमे के लोगों को दुख पहुंचा है।” वहीं, कुछ अन्य लोगों ने उनके भविष्य को लेकर शुभकामनाएं दी हैं।
राष्ट्रपति ने 13 जनवरी को मंजूर किया था इस्तीफा
शिवदीप लांडे ने 19 सितंबर 2024 को इस्तीफा दिया था, जिसे 117 दिनों के बाद मंजूर किया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 13 जनवरी को उनके इस्तीफे पर मुहर लगाई, जिसके बाद 14 जनवरी को गृह विभाग ने अधिसूचना जारी की। वहीं, IPS काम्या मिश्रा का इस्तीफा अभी लंबित है, जो उन्होंने 130 दिन पहले दिया था।
पूर्णिया में IG पद पर थे तैनात
इस्तीफे से पहले शिवदीप लांडे पूर्णिया में IG के पद पर तैनात थे। उन्होंने 6 सितंबर को पूर्णिया रेंज का चार्ज लिया था। इस्तीफे की पेशकश के बाद उन्हें मुख्यालय ट्रांसफर कर IG प्रशिक्षण की जिम्मेदारी सौंपी गई। उनकी जगह राकेश राठी को पूर्णिया का नया IG बनाया गया। महाराष्ट्र के रहने वाले लांडे 2006 बैच के IPS अधिकारी हैं।
इसलिए चर्चित रहे थे लांडे
जनवरी 2015 में शिवदीप लांडे तब चर्चा में आए थे जब उन्होंने पटना में एक घूसखोर पुलिस अधिकारी को फिल्मी अंदाज में पकड़ा था। यूपी पुलिस के इंस्पेक्टर सर्वचंद पर पटना के दो व्यापारियों से घूस मांगने का आरोप था। लांडे ने भेष बदलकर दुपट्टा ओढ़कर उन्हें रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। हालांकि, सबूतों के अभाव में उन्हें बाद में छोड़ दिया गया।
काम्या मिश्रा भी इस्तीफे की मंजूरी का इंतजार में
बिहार कैडर की 2019 बैच की IPS अधिकारी काम्या मिश्रा ने भी इस्तीफा दे दिया है, लेकिन सरकार ने अभी तक इसे मंजूर नहीं किया है। काम्या मिश्रा दरभंगा की SP थीं और उन्होंने पारिवारिक कारणों से नौकरी छोड़ने की इच्छा जताई है। उन्होंने कहा था कि वे अपने पिता के बिजनेस में उनका सहयोग करना चाहती हैं।
क्या लांडे राजनीति में आएंगे?
शिवदीप लांडे के इस्तीफे के बाद से राजनीतिक अटकलें तेज हो गई हैं। वे बिहार में युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय रहे हैं। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि वे किसी राजनीतिक दल से जुड़ सकते हैं। इससे पहले भी कई IPS अधिकारियों ने राजनीति में कदम रखा है, जिनमें बिहार के पूर्व DGP गुप्तेश्वर पांडेय का नाम प्रमुख है। उन्होंने 2020 में वीआरएस लेकर चुनाव लड़ने की कोशिश की थी।