बिहार विधानसभा चुनावों के बीच पलायन का मुद्दा एक बार फिर सियासी रंग ले चुका है। भाजपा के राष्ट्रीय सचिव ऋतुराज सिन्हा ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव और कांग्रेस के राहुल गांधी पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने दोनों नेताओं पर वोट बैंक की राजनीति करते हुए बिहार की जनता में भ्रम फैलाने का आरोप लगाया। सिन्हा ने सवाल उठाया कि तेजस्वी के माता-पिता लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी के शासनकाल (1990-2005) में बिहार में ऐसा माहौल क्यों बना कि लाखों युवाओं को पलायन करना पड़ा? उन्होंने कहा, “तेजस्वी जी, यहां फैक्टरियां क्यों नहीं लगीं? इसका जवाब तो आपका परिवार ही दे सकता है।”
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प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए सिन्हा ने तेजस्वी के हालिया बयानों का हवाला देते हुए कहा कि विपक्षी नेता पलायन को लेकर NDA सरकार पर इल्जाम लगाते हैं, लेकिन असल में राजद के ‘जंगल राज’ के दौर में ही बिहार के नौजवानों को रोजगार के लिए दूसरे राज्यों का रुख करना पड़ा। “लालू-राबड़ी शासन में भ्रष्टाचार, अपराध और गुंडागर्दी चरम पर थी। नौकरियां नहीं, बल्कि पलायन का रास्ता ही खुला था। आज NDA सरकार ने बिहार को पटरी पर लाया है, लेकिन ये लोग वोट के लिए झूठ का सहारा ले रहे हैं।” सिन्हा ने राहुल गांधी को भी निशाने पर लिया, “ये दोनों भ्रम फैला रहे हैं ताकि घुसपैठिए वोट बैंक बचे।
यह बयान ऐसे समय में आया है जब तेजस्वी यादव ने सहरसा रैली में NDA पर पलायन रोकने में नाकामी का आरोप लगाया। तेजस्वी ने कहा, “यहां फैक्टरियां क्यों नहीं? सवाल यही है। नीतीश सरकार ने 20 साल में क्या किया?” उन्होंने युवाओं से वादा किया कि महागठबंधन सत्ता में आते ही 20 महीनों में रोजगार और निवेश लाएगा। तेजस्वी ने सिन्हा के हमले पर तुरंत प्रतिक्रिया दी। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा, “भाजपा वाले पुरानी फिल्में चलाकर जनता को भटकाने की कोशिश कर रहे हैं। लालू जी के समय बिहार ने सामाजिक न्याय की नींव रखी, लेकिन NDA ने बिहार को मजदूर राज्य बना दिया। यहां फैक्टरियां लगाने की बजाय दिल्ली-मुंबई में बिहारी मजदूर भेजे जा रहे हैं। सवाल वही है- आखिर क्यों?” तेजस्वी ने चेतावनी दी कि छठ पूजा के दौरान बिहार लौटने वाले प्रवासी मजदूरों को वोटिंग के जरिए ‘बदला’ लेना चाहिए।






















