बिहार में पीएम मोदी के दौरे से पहले आज महागठबंधन ने पटना में एक अहम प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की, जिसमें राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा, कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौर और महागठबंधन के मुख्य प्रवक्ता शक्ति यादव सहित कई नेता मौजूद रहे। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राज्य की बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर तीखे सवाल खड़े किए गए।
राजद नेता मनोज झा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार दौरों पर सवाल उठाते हुए कहा, “यह चुनावी साल है, प्रधानमंत्री का आना-जाना होगा, लेकिन क्या वे बिहार की असली समस्याओं को समझने आए हैं?” उन्होंने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा अब तक क्यों नहीं मिला, इस पर राज्य सरकार और केंद्र दोनों चुप क्यों हैं।
‘नीतीश कुमार को कुर्सी से हटाने के लिए बिहार आ रहे पीएम मोदी’
झा ने आगे कहा, “बिहार में आरक्षण का दायरा बढ़ाया गया है, लेकिन इसे अब तक संविधान की नवमी अनुसूची में शामिल क्यों नहीं किया गया? अगर प्रधानमंत्री वाकई बिहार के साथ ईमानदारी से खड़े हैं, तो उन्हें इस मुद्दे पर स्पष्ट बात करनी चाहिए।” उन्होंने गुजरात मॉडल की ओर इशारा करते हुए पूछा कि, “जितना ध्यान प्रधानमंत्री गुजरात पर देते हैं, उतना बिहार पर क्यों नहीं? बिहार कोई जलन नहीं रखता, बल्कि यहां एक पीड़ा है। बिहार भी आर्थिक रूप से गुजरात जैसा बनना चाहता है।” उन्होंने यह भी कहा कि, “बिहार न तो ऑटो पायलट मोड में है, न ही पायलट मोड में — सवाल यह है कि राज्य को वास्तव में कौन चला रहा है?”
कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर सीधा हमला करते हुए कहा, “नीतीश कुमार विशेष राज्य की मांग को छोड़ चुके हैं। ऐसे में बिहार का विकास कैसे होगा?” उन्होंने कहा कि नीतीश सरकार के वादे खोखले साबित हुए हैं। एक वक्त कहा गया था कि चंपारण की चीनी मिल से चाय पिलाई जाएगी, लेकिन अब वहां न मिल है, न चाय।
राठौर ने राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर भी गंभीर चिंता जताई। उन्होंने कहा, “पटना की मुख्य सड़कों और बाजारों में दिनदहाड़े गोलियां चल रही हैं। प्रधानमंत्री आज बिहार आ रहे हैं, लेकिन राज्य की कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी नीतीश कुमार की है। इसके बावजूद पटना में लगातार गोलीबारी हो रही है।”