राजद विधायक फतेह बहादुर सिंह(Fateh Bahadur Singh) ने एक बार फिर मां सरस्वती को लेकर विवादित बयान दिया है। विधायक ने मां सरस्वती को चरित्रहीन बताया है उनका कहना है कि सरस्वती ने अपने पिता से शादी की है वो एक चरित्रहीन स्त्री है और पूजा चरित्रवान की होनी चाहिए चरित्रहीनों की नहीं। इसके साथ ही उन्होंने मां सरस्वती की जगह सावित्रीबाई फुले की पूजा करने की बात कही।
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“विद्यालयों में सरस्वती की जगह सावित्रीबाई फुले की तस्वीर होनी चाहिए”
मां दुर्गा पर टिप्पणी कर बिहार और देश में बवाल करा चुके राजद के डेहरी से विधायक फतेह बहादुर सिंह(Fateh Bahadur Singh) ने शुक्रवार को एक बार फिर विद्या की अधिष्ठात्री मां सरस्वती को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की है। दाउदनगर में सिंचाई विभाग के आईबी में उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि सरस्वती को ब्राह्मण ग्रंथों में ब्रह्मा की पुत्री बताया गया है और फिर ब्रह्मा ने उसी से शादी की। पूजा चरित्रवान की होनी चाहिए चरित्रहीनों की नहीं। उन्होंने कहा कि विद्यालयों में सरस्वती की जगह सावित्रीबाई फुले की तस्वीर लगनी चाहिए। प्रार्थना सावित्रीबाई की होनी चाहिए। भारत सरकार को उन्हें भारत रत्न देना चाहिए। उन्होंने कहा कि विद्यालयों में सरस्वती की जगह सावित्रीबाई फुले(Savitribai Phule) की तस्वीर लगनी चाहिए। प्रार्थना सावित्रीबाई(Savitribai) की होनी चाहिए। भारत सरकार को भारत रत्न देना चाहिए।
“BJP और Congress दोनों पर सवर्णों की पकड़”
Congress की 60 साल की सरकार में सावित्रीबाई को भारत रत्न न देनेपर उन्होंने कहा कि भाजपा और कांग्रेस दोनों पर सवर्णों और मनुवादियों की पकड़ रही है। जब यह पूछा गया कि ऐसी स्थिति में फिर आज कांग्रेस के साथ कैसे हैं। आपने यह बात अपनी पार्टी के स्तर पर क्यों नहीं कही। उन्होंने कहा कि पहले और आज की कांग्रेस में बदलाव आया है। आज का कांग्रेस समाजवादी विचारधारा को लेकर चल रहा है। उनके साथ राजद के प्रखंड अध्यक्ष देवेंद्र सिंह, पूर्व मुखिया संतन सिंह, महावीर यादव एवं कई राजद नेता उपस्थित रहे। वे डेहरी में सात जनवरी को सावित्रीबाई फुले की जयंती मना रहे हैं। इसके लिए वह लोगों को आमंत्रित करने आए थे।
“देश की पहली महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फुले थी”
विधायक ने कहा कि देश की पहली महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फुले थी और उनकी जयंती मनाई जानी चाहिए। महिला दिवस उनके नाम पर होना चाहिए। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी को लेकर कहा कि उन्होंने ब्राह्मणों की अधीनता स्वीकार कर ली है। वे कहते हैं कि तीन प्रतिशत ब्राह्मण श्रेष्ठ हैं, थे और रहेंगे तो फिर बाकी 97 प्रतिशत तो शुद्र ही हैं न।
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