पटनाः 78 वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पूर्व उपमुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) और रोहिणी आचार्य ने बिहार की कानून व्यवस्था और बढ़ती आपराधिक घटनाओं को लेकर नीतीश सरकार पर हमला बोला है। तेजस्वी और रोहिणी ने मुजफ्फरपुर गैंगरेप कांड को लेकर सरकार को घेरा है।
दोषी हैवानों को कड़ी से कड़ी सजा मिले
राजद नेता ने गुरुवार को अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट से पोस्ट कर लिखा,”बिहार में कानून व्यवस्था की हालत बेहद खराब और चिंताजनक है। प्रतिदिन अपहरण, बलात्कार, लूट और हत्याओं से आम बिहारी डरा हुआ है। मुख्यमंत्री को कुछ लेना-देना नहीं है। बिहार के मुजफ्फरपुर में 9वीं क्लास की छात्रा के माता पिता को कुछ लोगों ने खुली चुनौती देते हुए नाबालिग का उनके सामने ही अपहरण कर लिया। दिल दहलाने वाली इस वीभत्स घटना में दरिंदों ने गैंगरेप के बाद नाबालिग की हत्या कर उसका शव पोखर में फेंक दिया। पीड़ित परिवार को यथाशीघ्र न्याय और ऐसे जघन्य अपराध के दोषी हैवानों को कड़ी से कड़ी सजा मिले।

मुजफ्फरपुर पर भी आवाज़ उठाइये
वहीं रोहिणी आचार्य ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा है ‘कोलकाता में डॉक्टर बहन/बेटी के साथ पहले दरिंदों ने बलात्कार किया, फिर उसकी/उनकी निर्मम हत्या कर दी गयी.. खबर सुर्ख़ियों में है, हो-हल्ला मचा हुआ है, मचना भी चाहिए, बलात्कार जघन्यतम अपराध जो है, मगर अफ़सोस की बात ये है कि कोलकाता की घृणित घटना पर वैसों का भी मुँह खुला हुआ है, जो अपनी सहूलियत के हिसाब से बलात्कार पर बोलते हैं, जो अंकिता भंडारी-बिलकिस बानो-उन्नाव व् हाथरस की बेटी के साथ हुए बलात्कार पर मौन रहे वो भी बोल रहे, जो हजारों बलात्कार के आरोपी-दोषी प्रज्वल रेवन्ना पर मौन रहे वो भी बोल रहे, जो मुजफ्फरपुर-महापाप पर मौन रहे वो भी बोल रहे, जो आईआईटी बीएचयू की छात्रा के साथ हुई दरिंदगी पर मौन रहे वो भी बोल रहे, जो हरिद्वार की चौदह वर्ष की बेटी की बलात्कार के बाद हुई हत्या पर मौन रहे वो भी बोल रहे, चिन्मयानन्द-कुलदीप सेंगर-राम रहीम-ब्रजेश ठाकुर-राम दुलार-मेघवाल जैसों को संरक्षण देते समय जिनकी अंतरात्मा नहीं जागी वो भी बोल रहे, आसाराम जैसे बलात्कारी के चरणों में शीश नवाने वाले भी बोल रहे, मणिपुर की माँ-बहनों को निर्वस्त्र कर सड़कों पर घुमाये जाने पर जो मौन रहे वो भी बोल रहे, पोक्सो एक्ट में दर्ज मुकदमे में येदियुरप्पा को अभियुक्त बनाये जाने पर जो मौन रहे वो भी बोल रहे..
बलात्कार से ज्यादा घिनौना अपराध दूसरा कोई हो नहीं सकता और अगर इस पर कोई अपनी सहूलियत के हिसाब से बोलता है तो उसका अपराध भी कमतर नहीं है. माँ-बहन-बेटी का दमन-बलात्कार सभ्य कहे जाने वाले समाज पर सवालिया निशान खड़े करता है और ऐसे हर अपराध पर निष्पक्ष विचार, विमर्श व् न्याय की मांग व् अपेक्षा के साथ ही हम खुद को नारी अस्मिता का सम्मान करने वाला बता सकते हैं..
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कोलकाता की डॉक्टर बहन-बेटी की आत्मा को शांति तभी मिलेगी जब हमारे देश में हरेक बलात्कारी को न्यायोचित सजा मिलेगी और बलात्कार के पश्चात् मार दी गयी मुजफ्फरपुर की इस महादलित बेटी के लिए भी आवाज उठेगी.. कोलकाता की बेटी भी देश की बेटी थी, अपने परिवार व् समाज की उम्मीद थी, मुजफ्फरपुर की ये बेटी भी अपने परिवार व् समाज के अरमानों को संजोए थी… न्याय दोनों के परिजनों के साथ-साथ देश की हरेक माँ-बहन व् बेटी को चाहिए और आवाज़ हरेक बलात्कार पीड़िता के लिए एक जैसी उठनी व् उठानी चाहिए..
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बता दें कि मुजफ्फरपुर में 14 साल की लड़की की गैंगरेप के बाद हत्या कर दी थी। दरिंदों ने उसके ब्रेस्ट काट दिए। इतना ही नहीं, उसके प्राइवेट पार्ट पर भी चाकू से हमला किया। सोमवार को उसका शव सेमी न्यूड कंडीशन में तालाब के किनारे मिला।