बिहार विधानसभा के बजट सत्र के 15वें दिन की कार्यवाही एक बार फिर विवादों के बीच घिर गई। जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, AIMIM विधायक अख्तरुल ईमान ने बड़ा आरोप लगाते हुए सरकार को घेरने की कोशिश की। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अंगरक्षक पर फतुहा में कब्रिस्तान और दरगाह की जमीन पर अवैध कब्जे का गंभीर आरोप लगाया।
सदन में गूंजा अवैध कब्जे का मुद्दा
अख्तरुल ईमान ने सदन में जोरदार तरीके से इस मामले को उठाते हुए कहा कि फतुहा स्थित कब्रिस्तान और दरगाह की जमीन पर अवैध कब्जा किया गया है। यह कब्जा किसी आम व्यक्ति द्वारा नहीं, बल्कि खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अंगरक्षक द्वारा किया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस मामले में कई बार मुख्यमंत्री को शिकायत दी गई, अल्पसंख्यक मंत्री को भी जानकारी दी गई, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
सरकार पर उठाए सवाल, वफ्फ बोर्ड की जमीन पर कब्जे का आरोप
AIMIM विधायक ने कहा कि यह जमीन वफ्फ बोर्ड की है, और इसके बावजूद इस पर अवैध कब्जा हो रहा है। हैरानी की बात यह है कि कब्जे की जमीन की लगान और रसीद भी काटी जा रही है, जिससे साफ है कि इस कब्जे को सरकारी स्तर पर संरक्षण मिल रहा है।
ईमान ने सदन में भावुक होते हुए कहा कि “यह सिर्फ जमीन का मामला नहीं है, बल्कि एक समुदाय की आस्था से जुड़ा सवाल है। जब मुख्यमंत्री के अंगरक्षक पर ही ऐसे गंभीर आरोप लग रहे हैं, तो फिर आम जनता की जमीनों की सुरक्षा कौन करेगा?”
सरकार की सफाई: कार्रवाई जारी है
सरकार की ओर से इस पर तुरंत प्रतिक्रिया दी गई। सरकार की तरफ से कहा गया कि इस मामले में जांच चल रही है और जल्द ही उचित कार्रवाई की जाएगी। सरकार ने भरोसा दिलाया कि अवैध कब्जे से संबंधित सभी मामलों में निष्पक्ष रूप से जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।
हालांकि, सरकार की इस सफाई से AIMIM विधायक संतुष्ट नजर नहीं आए। उन्होंने कहा कि यदि सरकार वास्तव में इस मुद्दे को गंभीरता से ले रही है, तो अब तक कार्रवाई क्यों नहीं हुई? उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही अवैध कब्जा नहीं हटाया गया, तो वह सड़क से लेकर सदन तक बड़ा आंदोलन करेंगे।