बिहार में पेपर लीक को लेकर आर्थिक अपराध इकाई ने बड़ा प्लान तैयार किया। EOU के प्लान के बाद पेपर लीक करने वाले गिरोह की मुश्किलों में इजाफा होना तय है। आर्थिक अपराध इकाई के तरफ से कहा गया कि यदि किसी परीक्षा लीक में संगठित गिरोह के शामिल होने के मामले सामने आते हैं तो उन्हें 10 साल की सजा मिलेगी। इसके अलावा इसमें एक करोड़ से लेकर 10 करोड रुपए तक के जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है।
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इसके अलावा कोई भी संस्थान चाहे परीक्षा आयोजित करवाने वाली हो एजेंसी या फिर परीक्षा केंद्र की संलिप्तता सामने आती है तो उनके भी चल और अचल संपत्ति की पड़ताल करके उनकी कुर्की जब्ती की जा सकती है। एडीजी पुलिस मुख्यालय ने बताया कि 2012 से लेकर अभी तक 10 कांड में 545 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। 249 आरोपियों पर आरोप पत्र दाखिल किया गया है। यह भी बताया कि बीपीएससी परीक्षा में कोई क्वेश्चन आउट का मामला नहीं आया है। हंगामा जो हुआ है उसे जिला प्रशासन देख रहा है।

दरअसल, EOU यह तय किया है कि यदि अब किसी भी शख्स का नाम पेपर लीक से जुड़े मामले में सामने आता है तो फिर उसके पूरे संपत्ति की जांच की जाएगी इतना ही नहीं उनके पूर्वजों की भी संपत्ति की जांच की जाएगी ताकि यह मालूम चल सके कि उसके पास जो संसाधन उपलब्ध हुए इसको लेकर उसके पास पूर्व में कितनी संपत्ति थी। इसके बाद उनके ऊपर कुर्की जब्ती की भी कार्रवाई की जा सकती है।

इधर, नीट पेपर लीक मामले में मास्टरमाइंड संजीव मुखिया के ठिकानों से अकूत संपत्ति मिली थी। आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने 144% अधिक आय से अधिक संपत्ति का केस दर्ज किया है। संजीव मुखिया नालंदा में एक कॉलेज में कार्यरत बताया जा रहा है। संजीव मुखिया के खिलाफ आर्थिक अपराध इकाई मंगलवार को जांच की थी और अब जांच में यह बड़ा खुलासा किया गया है।

ईओयू द्वारा हुई छापेमारी में 11 लाख 30 हजार रुपये से अधिक कैश की बरामदगी के साथ-साथ कई वाहन भी जब्त किए गए थे। इसके बाद अब इस मामले में ईओयू ने कुर्की जब्ती की बात कही है। नीट पेपर लिखकर मुख्य सरगना संजीव मुखिया के खिलाफ अब कोर्ट से वारंट लेने जा रही है। इसके अलावा नीट पेपर लीक कांड के सभी व्यक्तियों के बारे में पूरी जानकारी केंद्र सरकार की एजेंसी ED को भी दे दी गई है।