बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Election 2025) की सियासी गर्मी अब पूरे शबाब पर है। इसी बीच उत्तर प्रदेश की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) ने बिहार की राजनीति में बड़ा धमाका कर दिया है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी सरकार में पंचायती राज मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने घोषणा की है कि उनकी पार्टी बिहार में 100 से अधिक सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी। यह फैसला एनडीए गठबंधन के तहत सीट बंटवारे में हिस्सेदारी न मिलने के बाद लिया गया है।
राजभर ने कहा कि जब बिहार के उपचुनावों में बीजेपी को सहयोग की जरूरत थी, तब सुभासपा ने पूरी निष्ठा से साथ दिया। उन्होंने दावा किया कि उन्होंने बीजेपी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा, विनोद तावड़े और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की थी, जिन्होंने उन्हें भरोसा दिलाया था कि जब विधानसभा चुनाव आएंगे, तो गठबंधन में सुभासपा को सम्मानजनक जगह दी जाएगी। लेकिन अब जब बिहार चुनाव की घोषणा हुई, तो पार्टी को कोई सीट नहीं दी गई।
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राजभर ने कहा कि बिहार में प्रजापति, राजभर और राजबंशी समुदायों की आबादी कई इलाकों में निर्णायक भूमिका निभा सकती है। “इन जातियों की जनसंख्या 20 हजार से लेकर 80 हजार तक है, लेकिन भाजपा, जेडीयू, आरजेडी और लोजपा सभी इन वोटों को अपना मानते हैं। जबकि हकीकत यह है कि ये समाज सुभासपा के साथ हैं। अब समय आ गया है कि हम अपनी राजनीतिक ताकत को साबित करें,” राजभर ने कहा।
सुभासपा के राष्ट्रीय महासचिव अरविंद राजभर ने भी कहा कि अगर बीजेपी ने गठबंधन के तहत सिर्फ चार सीटें भी दी होतीं, तो पार्टी यह फैसला नहीं लेती। उनका कहना है कि “हम सम्मान चाहते थे, न कि दया। जब सम्मान नहीं मिला, तो हमने बिहार में अकेले उतरने का निर्णय लिया है।”
ओमप्रकाश राजभर ने साफ कहा कि उनकी पार्टी 153 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है और स्थानीय नेताओं से बातचीत जारी है। वह प्रेमचंद प्रजापति और कुछ अन्य क्षेत्रीय नेताओं से भी गठबंधन पर चर्चा कर रहे हैं। अगर यह मोर्चा बनता है, तो बिहार चुनाव में एक तीसरा विकल्प उभर सकता है जो पारंपरिक जातीय राजनीति के समीकरणों को हिला सकता है।






















