सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बुधवार यानी 17 सितंबर को एक रक्षा समझौते हस्ताक्षर किया है. समझौते में कहा गया- ‘किसी एक देश पर हमला दोनों देश पर माना जाएगा.’ न्यूज रॉयटर के मुताबिक वहां के अधिकार का कहना है कि इस डील व्यापक है जिसमें सभी तरह के हथियार हैं. यानी परमाणु हथियार भी शामिल हैं. यानी सऊदी अरब जरूरत पड़ने पर पाकिस्तान के परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कर सकता है.
पटना में 21 सितंबर को सत्यदेव सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर संचालित
इस समझौते ने वैश्विक परिदृश्य पर एक अलग चर्चा छेड़ दी है. इस समझौते के पीछे कई सवाल हैं जिनका जवाब खोजा जा रहा है. अचानक ये समझौता क्यों हुआअप्रैल 2025 में पहलगाम अटैक के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च कर पाकिस्तान को इस आतंकवाद का करारा जवाब दिया था. पाकिस्तानी की नापाक हरकत को भारत वैश्विक मंचों पर भी ले गया और वहां खूब किरकिरी हुई. चीन में हुए SCO शिखर सम्मेलन में भारत ने आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान का नाम लिए बिना ही खूब घेरा.






















