बिहार में आज सियासत की गर्मी अपने चरम पर है। बेगूसराय के बाद पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल पहुंचे राहुल गांधी ने आज खुलकर अपनी बातें कहीं। भाजपा और RSS राहुल गांधी के निशाने पर रहे। अपने इस विजिट में राहुल ने आत्ममंथन वाला दांव भी खेला। जातीय समीकरण का पाशा भी फेंका और राजनीतिक बयानबाजियों के बम भी फोड़े।
“मेरे परदादा सच्चाई से मोहब्बत करते थे”
राहुल गांधी ने मंच से एक निजी और भावुक किस्सा साझा किया। संदीप दीक्षित के पॉडकास्ट पर हुई एक बातचीत में जब उनसे नेहरू जी को लेकर सवाल हुआ, तो एक तस्वीर ने उनके भीतर हलचल मचा दी। राहुल गांधी ने कहा कि नेहरू और गांधी सिर्फ नेता नहीं थे, वो सच्चाई के प्रेमी थे। बुद्ध, गुरुनानक, कबीर – सब इसी सच्चाई की परंपरा से जुड़े थे। और संविधान… सिर्फ 1947 का दस्तावेज़ नहीं, यह हज़ारों सालों से हमारे समाज में सच्चाई और न्याय की भावना का सार है।
संविधान को बताया ‘सत्य का प्रहरी’
राहुल गांधी ने कहा कि संविधान सिर्फ एक किताब नहीं, यह एक जिंदा दस्तावेज़ है। इसमें आंबेडकर, गांधी, नेहरू और फुले की आत्मा बसती है। इसमें सावरकर की सोच की कोई जगह नहीं है, क्योंकि वो सच्चाई का सामना नहीं कर सके। राहुल ने RSS और भाजपा पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि “जब शरीर में चोट लगती है, तो एक्स-रे किया जाता है। जातीय जनगणना भी वैसा ही एक्स-रे है, जो सामाजिक सच्चाई को उजागर करता है। यही डर आरएसएस और बीजेपी को सता रहा है।”
‘सिस्टम ने आपको घेर रखा है’
राहुल ने अपने भाषण में पूंजीवाद पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि आप स्कूटर में पेट्रोल भरवाते हैं, पैसा उनकी जेब में जाता है। बीमार होते हैं, पैसा फिर वहीं जाता है। पूरा सिस्टम आम जनता को जकड़ चुका है। राहुल गांधी ने बिहार कांग्रेस में हालिया बदलावों का ज़िक्र करते हुए कहा कि अब जिलाध्यक्षों में दो-तिहाई ओबीसी, ईबीसी, दलित और महिलाओं को चुना गया है। ये कोई छोटा कदम नहीं है, बल्कि राजनीति के दरवाज़े खोलने का पहला दरवाज़ा है।
बेगूसराय में पदयात्रा और सफेद टी-शर्ट पर विवाद
पटना से पहले राहुल गांधी ने बेगूसराय में ‘पलायन रोको, नौकरी दो’ पदयात्रा में भाग लिया। खास बात रही उनके सफेद टी-शर्ट पहनने की अपील, जिस पर बीजेपी नेता गिरिराज सिंह ने तंज कसते हुए कहा कि उन्हें भगवा रंग से नफरत है। राहुल ने पलटवार न करते हुए, शांति और सादगी का संदेश दिया।